नयी दिल्ली, भारत आबादी के लिहाज से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है लेकिन यहां प्रति दस लाख आबादी पर कोरोना के केसों और मौतों की संख्या विश्व में सबसे कम पाई जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विश्व में प्रति दस लाख आबादी में कोरोना के औसत मामलों की संख्या 1497 हैं लेकिन भारत में यह आंकडा 538 हैं और चिली जैसे छोटे देश में प्रति दस लाख लोगों में कोरोना के15747 मामले पाए जा रहे हैं। अमेरिका में यह संख्या 8832 है और विश्व के अन्य देशों में यह ईरान(2925), ब्रिटेन (4218), रूस (4802), स्पेन(5393) हैं।
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन और स्पेन में प्रति दस लाख आबादी में लोगों की होने वाली मौतों की संख्या भारत से 40 गुना अधिक है । विश्व में प्रति दस लाख की आबादी मेें कोरोना से होने वाली मौतों का औसत 69.3 लोग है लेकिन भारत में यह 15 व्यक्ति प्रति दस लाख हैं। स्पेन में प्रति दस लाख लोगों में 607.3 और ब्रिटेन में 653.9 लोगाें की कोरोना से मौत हुई हैं।
देश में अभी तक कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या 269789 है और अब तक कोरोना के 476378 मरीज ठीक हो चुके हैं और कोरोना की रिकवरी दर 62.09 प्रतिशत हो गई है। देश में तीन मई को कोरोना रिकवरी दर 26.59 प्रतिशत थी जो 31 मई को बढ़कर 47.40 प्रतिशत हो गई और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।
उन्होंने बताया कि देश में 45 से 59 वर्ष के लोगों का आबादी में 15 प्रतिशत हिस्सा है लेकिन इस समूह में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकडा 32 प्रतिशत है। इसके अलावा 60 से 74 आयुवर्ग के लोगों की आबादी में हिस्सेदारी आठ प्रतिशत है लेेकिन इस आयु समूह में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकडा 39 प्रतिशत रहा है और 75 वर्ष से अधिक के लोगों की कोरोना से होने वाली मौतें 14 प्रतिशत हैं।
भारत में कोरोना से जितनी मौतें हुई हैं उनमें 10 प्रतिशत आबादी का योगदान 53 प्रतिशत है और इसमें 60 से 74 आयु वर्ग की हिस्सेदारी आठ प्रतिशत है और इस वर्ग में कोरोना से संबंधित मौतों का आंकडा 39 प्रतिशत रहा है और 75 वर्ष से अधिक की आबादी में हिस्सेदारी मात्र दो प्रतिशत है लेकिन इन लोगों की कोरोना से होने वाली मौतें 14 प्रतिशत हैं।