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जवान तेज बहादुर यादव ने जेजेपी से दिया इस्तीफा, लगाया धोखा देने का आरोप

चंडीगढ़, बर्खास्त बीएसएफ कांस्टेबल तेज बहादुर यादव ने जननायक जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पूर्व जननायक जनता पार्टी  का दामन थामने वाले बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने बीजेपी से
गठबंधन के बाद पार्टी चीफ दुष्यंत चौटाला पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने जेजेपी पर बीजेपी की ‘बी-टीम’ होने का आरोप लगाया।
तेज बहादुर ने कहा, ‘दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी के साथ समझौता कर हरियाणा के लोगों को और जिन्होंने उनको वोट दिया,
उन सबको धोखा दिया है। उनके खाते में जो 10 सीटें आई हैं, वह उनके या जेजेपी के नाम पर नहीं,
बल्कि ताऊ देवीलाल के विचारों और आदर्शों की वजह से आई हैं।
जैसे ही जेजेपी ने बीजेपी से गठबंधन किया, मैंने पार्टी को छोड़ दिया।’ बता दें कि जेजेपी के 10 विधायक चुनकर आए।
उसके बाद दुष्यंत ने बीजेपी के साथ नई सरकार बनाने की डील में अपनी पार्टी के लिए उप-मुख्यमंत्री पद हासिल कर लिया।

तेज बहादुर ने करनाल से सीएम मनोहरलाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ा और तीसरे नंबर पर रहे।

2019 के लोकसभा चुनाव में तेज बहादुर यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से निर्दलीय पर्चा भरा था।

नामांकन के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया लेकिन दूसरे ही दिन उन्हें स्थानीय चुनाव आयोग से नोटिस
मिल गया।
उन्हें चुनाव आयोग से अपनी उम्मीदवारी के लिए एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लाने के लिए कहा गया। उनके डॉक्युमेंट्स पूरे नहीं होने की वजह से वह चुनाव नहीं लड़ पाए।

तेज बहादुर ने याचिका दाखिल करके अपने नामांकन पत्र को नियम विरुद्ध खारिज करने को आधार बनाया। उन्होंने प्रशासन पर नामांकन द

बाव में गलत आधार पर खारिज करने का भी आरोप लगाया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी लोकसभा चुनाव की वैधता की चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका डाली थी।