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पाबंदियों की वजह से कैदी का जीवन बिता रहे ये 11 परिवार, मिलने से रोका गया

कोलकाता, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने शनिवार को फिल्म निर्माता अपर्णा सेन एवं दो अन्य को पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में एक बस्ती में घुसने से रोक दिया। ये सभी विभिन्न समसामयिकी समाजिक मुद्दों को उठाने वाली हस्तियों के संगठन ‘सिटीजन स्पीक इंडिया’ के सदस्य हैं।

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सेन के साथ मौजूद महिला अधिकार कार्यकर्ता बोलन गंगोपाध्याय ने बताया कि गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के सदस्य दिनहाटा के कलाराला गांव के 11 परिवारों के 50 लोगों से मिलना चाहते थे। उन्होंने कहा कि ये लोग बीएसएफ की पाबंदियों की वजह से कैदी का जीवन बिता रहे हैं जबकि वे भी देश के नागरिक हैं।

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गंगोपाध्याय ने कहा, ‘‘ हमें पता चला कि वे सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं। हमनें सुना कि उन्हें राशन मिलता है लेकिन वे केंद्र और राज्य सरकार की अन्य सुविधाओं से वंचित हैं। हम उनसे संवाद स्थापित करने और उनकी बात सुनने आए थे।’’ इस मामले पर बीएसएफ की तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

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उल्लेखनीय है कि यह बस्ती 31 जुलाई 2015 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते के तहत भारत के हिस्से में आई 51 बस्तियों में शामिल है। करार में कुल 162 बस्तियों की अदलाबदली हुई थी जिनमें से 111 बस्तियां बांग्लादेश के हिस्से में गई थी।

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