जम्मू कश्मीर से वापस लौट रहे मजदूरों का, इस तरह हो रहा शोषण
August 10, 2019
जम्मू, अपने घरों को लौटने को आतुर सैंकड़ों प्रवासी मजदूर लगातार कश्मीर से जम्मू और उधमपुर रेलवे स्टेशनों पर पहुंच रहे हैं और उनमें से कइयों ने नियोक्ता द्वारा पूरा पैसा नहीं दिये जाने और निजी ट्रांसपोर्टरों द्वारा अत्यधिक शुल्क वसूलने की शिकायत की है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले पांच दिनों में रेलवे ने 50000 से अधिक मजदूरों को उनके संबंधित राज्यों में पहुंचाया। रेल स्टेशनों बहुत भीड़ है और लोग जम्मू कश्मीर से निकलने के लिए विशेष ट्रेनों की बाट जोह रहे हैं। पांच अगस्त को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लगायी गयी निषेधाज्ञा जम्मू में शुक्रवार को हटा ली गयी जबकि डोडा एवं किश्तवाड़ जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गयी ताकि सामान्य गतिविधियां बहाल हो सकें। जम्मू- कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर देने के बाद राज्य में सामान्य गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं।
जम्मू- कश्मीर प्रशासन ने तीन अगस्त को आपात स्थिति का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों से यात्रा बीच में खत्म कर लौट जाने को कहा था। कश्मीर के गांदेरबल से 40 लोगों के साथ शुक्रवार को यहां पहुंचे दरभंगा के रमेश कुमार ने दावा किया कि दो दिनों से उन लोगों से कुछ नहीं खाया और उनके पास घाटी छोड़ने के लिए बस थोड़े पैसे हैं क्योंकि वे जिस आईसक्रीम इकाई में काम करते थे, वह वर्तमान स्थिति के चलते उनका पूरा पैसा नहीं दे पाया।
उसने कहा, ‘‘ हमें बस थोड़े से पैसे मिले और हम घाटी से आ गये। निजी वाहन संचालक ने टाटा सूमो में प्रति व्यक्ति 2000 रूपये किराया लिया। वे लोगों को निचोड़ रहे हैं।’’ श्रीनगर में एक दशक से सोने के कारीगर के रूप में काम कर रहे कोलकाता के एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसे अपने परिवार को कश्मीर से जम्मू लाने के लिए 2500 रूपये प्रति व्यक्ति देना पड़ा। उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के मजदूर जफरूल्ला ने कहा कि उसे उसके मालिक ने एक महीने की जगह पर बस एक हफ्ते का पैसा दिया।