जानिये, दारू मे भी राम देखने वाले नरेश अग्रवाल की राम कथा
March 12, 2018
लखनऊ, सांसद नरेश अग्रवाल अब भाजपा मे शामिल हो गयें हैं। लेकिन विवादों को लेकर उनका नाता बड़ा पुराना रहा है। कांग्रेस, लोकतांत्रिक कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी के बाद नरेश अग्रवाल की भाजपा पाँचवीं पार्टी है। अब तक वह चार पार्टी छोड़ चुकें हैँ। एक बार तो नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में हिंदू धर्म के भगवान की तुलना मदिरा से कर दी थी जिसके बाद बीजेपी ने बहुत हंगामा काटा था।
संसद के मानसून सत्र के दौरान, नरेश अग्रवाल ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया था जब विपक्ष अल्पसंख्यकों पर हमले, गोरक्षा के नाम पर हिंसा, दलितों का उत्पीड़न जैसे तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा था। उस समय नरेश अग्रवाल को दारू मे राम दिख गये, जिसके कारण विपक्ष की सारी रणनीति हिल गई है।
राज्यसभा मे बोलते हुये नरेश अग्रवाल ने कहा था कि व्हिस्की में विष्णु बसे, रम में बसे श्रीराम जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान, सिया पत रामचंद्र की जय। नरेश अग्रवाल यहीं पर नहीं रुके थे और हिंदू धर्म का अपमान करना जारी रखा उन्होंने कहा कि गाय हमारी माता है तो बैल क्या हुआ वो भी तो कुछ होगा। बछड़ा हमारा क्या लगेगा। नरेश अग्रवाल के इन बयानों के बाद बीजेपी को विपक्ष को घेरने का मौका मिल गया ।
बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने नरेश अग्रवाल से माफी मांगने के लिए कहा। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि अग्रवाल ने हिंदू धर्म का अपमान किया है इसलिये उन्हे माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद जोरदार हंगामा हुआ। इसके बाद बीजेपी ने ‘श्री राम का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ जैसे नारे लगाना शुरू कर दिये। जोरदार हंगामा होने के बाद विपक्ष की रणनीति में सेंध लग गई।
बीजेपी ने सपा नेता के बयान को आधार बनाकर विपक्ष को घेरने की कवायद शुरू कर दी। देवी देवताओं के नाम को शराब के साथ जोड़कर नरेश अग्रवाल ने बीजेपी के हाथ वो हथियार दे दिया जिस से सदन मे विपक्ष की जुबान बंद हो गई। वही नरेश अग्रवाल अब बीजेपी मे शामिल हो गए हैं। अब सवाल यह उठता है कि नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में दिया बयान वापस ले लिया या फिर भाजपा ने ही अपनी आपत्ति वापस ले ली?