गोरखपुर , मध्य प्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन के पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित शिवावतारी गोरखनाथ मंदिर से गहरे रिश्ते थे।
श्री टंडन के निधन का समाचार मिलते ही गोरखनाथ मंदिर परिसर में उदासी छा गयी और लोगों को वह क्षण याद आया जब श्री टंडन और पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रहलीन महंत अवैद्यनाथ के बीच घंटों मंत्रणा होती थी तथा मंदिर में पूर्जा अर्चना करने के बाद वापस जाते थे।
अयोध्या के रामजन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण उनकी बातचीत का केन्द्र बिन्दु होता था। दुख है कि श्री टंडन राम जन्म भूमि निर्माण के शिलान्यास का एतिहासिक क्षण नहीं देख सके। गोरखनाथ मंदिर के द्वारका तिवारी ने बातचीत में कहा कि मंदिर में अंतिम बार श्री टंडन वर्ष 2014 में महंत अवेद्यनाथ के समाधि लेने के बाद आये हुए थे। उन्होंने वर्तमान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ से घंटों बैठकर उनका दर्द बांटा था।
श्री टंडन मंदिर मंदिर से वापस जाते समय गोरखपुर में स्थित भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय बेनी गंज गये थे जहां उन्होंने सदर विधायक डाॅ0 रााधा मोहन दास अग्रवाल , पार्टी प्रवक्ता डा. सत्येन्द्र सिंन्हा, उपेन्द्र शुक्ल सहित पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया था।
गोरखपुर जिले से जुडी उनकी कई स्मृतियां है। कई वरिष्ठ नेताओं के साथ उनके गहरे सम्बंध थे। उनके निधन से गोरखपुर शहर में जगह-जगह शाेक सभायें की गयी और सभी प्रशासनिक कार्यालय बन्द कर दिये गये।