यूपी में महागठबंधन को बड़ा झटका, इस दल ने छोड़ा साथ, बीजेपी से चल रही बात

लखनऊ, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। महागठबंधन के पुराने साथी दल ने साथ छोड़ने का एलान करते हुये बीजेपी से बातचीत शुरू कर दी है।

मंगलवार को सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में, बकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के जुड़ने का एलान हुआ लेकिन, शुक्रवार तक इस रिश्ते में दरार पड़ गई। निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद गठबंधन से अलग हो गए हैं।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा है हम महागठबंधन से अलग हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अलग से चुनाव लड़ने और बाकी दूसरे विकल्पों पर पार्टी विचार कर रही है।

संजय निषाद ने कहा, ”अखिलेश यादव ने कहा था कि वह हमारी पार्टी के लिए सीटों की घोषणा करेंगे।

लेकिन उन्होंने पोस्टर/पत्र या कहीं पर भी हमारा नाम नहीं लिखा। मेरी पार्टी के कार्यकर्ता, अधिकारी, कोर कमेटी इससे दुखी थे इसलिए निषाद पार्टी ने आज फैसला लिया है कि हम ‘गठबंधन’ के साथ नहीं हैं, हम स्वतंत्र हैं, स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ सकते हैं और अन्य विकल्पों की भी तलाश कर सकते हैं। पार्टी अब स्वतंत्र है।”

संजय निषाद इसके बाद बीजेपी मुख्यालय पहुंच गए। संजय निषाद ने बीजेपी के लोकसभा चुनाव प्रभारी जेपी नड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल से मुलाकात की। उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी भेंट की। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ भी थे। सूत्रों के अनुसार,  उन्हें गोरखपुर, घोसी, भदोही या जौनपुर लोकसभा सीट में से एक-दो मिल सकती है।

 गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के उप चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद को सपा का उम्मीदवार बनाया था। प्रवीण निषाद ने गोरखपुर में भाजपा उम्मीदवार को हरा दिया था।

सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन मे सीटों को लेकर पेंच फंस गया। सपा गोरखपुर सीट पर प्रवीण को सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ाने को तैयार थी लेकिन, संजय निषाद महराजगंज सीट भी अपने सिंबल पर लडऩे की मांग कर रहे थे।

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