Breaking News

दबाव की राजनीति को मायावती का करारा जवाब, दिखाया आज भी वह किसी दल की मोहताज नहीं

नई दिल्ली,  बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एकबार फिर अपने पुराने तेवर बरकरार रखते हुये, दबाव की राजनीति को  करारा जवाब दिया है। मध्य प्रदेश और छत्तीस गढ़ विधानसभा चुनाव के बारे मे निर्णय लेकर उन्होने एकबार फिर यह दिखा दिया है कि विपरीत परिस्थितियों मे भी वह किसी दल की मोहताज नहीं हैं, उनमे आज भी अकेले चलने का साहस है।

मायावती ने दो राज्यों  मध्य प्रदेश और छत्तीस गढ़ मे कांग्रेस की दबाव की राजनीति को  झटका देते हुये बड़ा निर्णय लिया है। मायावती ने मध्य प्रदेश मे अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुये अपने 22 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। वहीं छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

बसपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 22 उम्मीदवारों की घोषणा कर फिलहाल यह संकेत दे दिया है कि वह अकेले चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है। मायावती ने रविवार को लखनऊ मे अपनी प्रेस कांफ्रेंस मे कहा था कि किसी भी दल के साथ उनकी पार्टी तभी समझौता करेगी जब उसे सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। नही तो वह सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगी।

  मायावती ने छत्तीसगढ़ में पूर्व कांग्रेस नेता अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का एलान किया है। बसपा छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में से 35 सीटों पर और जनता कांग्रेस 55 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी। मायावती ने कहा कि अगर गठबंधन जीतता है तो अजीत जोगी मुख्यमंत्री बनेंगे।

अजीत जोगी ने कुछ साल पहले पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का गठन किया था। छत्तीसगढ़ मे सत्ता में दाखिल होने के लिए जोर लगा रही कांग्रेस के लिए मायावती और जोगी का यह कदम नुकसानदायक साबित हो सकता है। छत्तीसगढ़ मे  मुख्यमंत्री रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीत चुकी है।

मायावती ने अपने इस कदम से फिलहाल यह संकेत दे दिया है कि वह सत्ता के लिये किसी भी दल के दबाव मे आने वाली नही है। मायावती ने कुछ दिन पूर्व कहा था कि किसी भी दल के साथ उनकी पार्टी तभी समझौता करेगी जब उसे सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। इस निर्णय से उन्होने साफ संदेश दिया है कि विपरीत परिस्थितियों मे आज भी उनमे अकेले संघर्ष करने की क्षमता है। इसलिये वह अकेले चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है।