नयी दिल्ली, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण व्यवस्था काे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग करते हुए रविवार को कहा कि इस इन समुदायों को सुरक्षा कवच मिल सकेगा।
मायावती ने एक ट्वीट श्रृंखला में कहा कि कांग्रेस के बाद अब भारतीय जनता पार्टी एवं इनकी केन्द्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण सदियों से पछाड़े गए एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के शोषितों-पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास असफल हो रहा है। यह अति गंभीर तथा दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होेंने कहा, “ ऐसे में केन्द्र सरकार से पुनः माँग है कि वह आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करे जब तक उपेक्षा और तिरस्कार से पीड़ित करोड़ों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते हैं, जो आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा है।
”बसपा नेता ने आरोप लगाया कि केन्द्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही न्यायालय ने सरकारी नौकरी और पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को जिस प्रकार से निष्क्रिय और निष्प्रभावी ही बना दिया है उससे पूरा समाज उद्वेलित और आक्रोशित है। देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं और अन्य उपेक्षितों के हकों पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं