लखनऊ, सोशल मीडिया में यौन उत्पीड़न के खिलाफ चल रहे #MeToo कैंपेन की आग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक पहुंच गई है.FSSAI के पूर्व निदेशक प्रवर्तन पर आरोप लगा है .
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के पूर्व निदेशक डॉ. एसएस धौंक्रोक्ता पर छह साल पुराने मामले में यौन उत्पीड़न का केस दर्ज किया गया है. डॉ. धौंक्रोक्ता का साथ देने वाले सुनील कुमार भदौरिया के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. भदौरिया वर्तमान में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली में बतौर सेक्शन अफसर तैनात हैं. आरोप है कि छह साल पहले लखनऊ में तैनाती के दौरान डॉ. धौंक्रोक्ता ने पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया और परेशान किया. दोनों को विभागीय जांच में दोषी पाया गया था पर वह रिपोर्ट दबा दी गई थी. सीओ अलीगंज दीपक कुमार सिंह ने बताया कि पीड़िता लखनऊ में रहती है. फ़िलहाल वह स्टडी लीव पर है.
पीड़िता लखनऊ में ही एफएसएसएआई में 2012 में तैनात थी. आरोप है कि डॉ. धौंक्रोक्ता 20 मई 2012 को लखनऊ दौरे पर आए थे. 21 मई को उन्होंने अलीगंज स्थित एफएसएसएआई कार्यालय का निरीक्षण किया और स्टेट फ़ूड सेफ्टी कमिश्नर से मीटिंग की जानकारी देते हुए जबरन उन्हें साथ ले गए. इसके बाद वह उन्हें अपने साथ एयरपोर्ट भी लाये और पूरे समय पदोन्नति व अन्य लाभ का लालच देकर बहकाने का प्रयास करते रहे. एयरपोर्ट पहुंचने पर पता चला कि उनकी फ्लाइट तीन बजे की नहीं साढ़े पांच बजे की थी. वे साजिश के तहत ऑफिस से कई घंटे पहले पीड़िता को लेकर निकले थे.
पीड़िता की मां की शिकायत पर डॉ. धौंक्रोक्ता के खिलाफ विभागीय जांच की गई जिसमें वे दोषी पाए गए. भदौरिया पर भी आरोप सही साबित हुए. जांच कमेटी ने जून 2015 में अपनी जांच रिपोर्ट में दोनों के खिलाफ अश्लील हरकतें करने, षड्यंत्र समेत आईपीसी की अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की थी, लेकिन उस रिपोर्ट को दबा दिया गया. रिपोर्ट की कॉपी 27 फ़रवरी को उपलब्ध कराई गई. विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई न होने पर पीड़िता ने सीओ अलीगंज से मुलाकात कर उन्हें रिपोर्ट दिखाई व दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी.