सहारनपुर ,उत्तर प्रदेश के वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कोरोना महामारी से जल्द छुटकारा मिलने वाला नही है और हमें इसके साथ जीन सीखना होगा।
उन्होंने कहा कि इस बीमारी से निपटने के लिए मास्क को जीवन शैली का हिस्सा बनाये। कोरोना जल्द ही जाने वाला नहीं है। हमें अभी कोरोना के साथ ही जीना होगा। इस बीमारी से बचने के लिये दो गज की दूरी भी बनाकर रखनी होगी। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर इस वायरस का ज्यादा असर होता है।
श्री खन्ना ने सोमवार को यहां मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने के बाद शेखुल हिन्द मौलाना महमूद हसन मेडिकल काॅलेज के प्रशासनिक भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि काेरोना महामारी से निपटने के लिये दो गज दूरी के साथ-साथ मास्क व साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। बीमारी से बचने के लिये सरकार के निर्देशों का पालन कराया जाये। यह बीमारी बूढे, बच्चों एवं बीमार व्यक्तियों को ज्यादा संक्रमित करती है।
उन्होंने कहा कि इस बीमारी को हल्के में न लें। भयभीत न हो और सावधानी बरतें क्योंकि बचाव इलाज से बेहतर है। वैश्विक बीमारी से सरकार पूरी ताकत से लड़ रही है। इसे रोकने में काफी हद तक सफलता भी मिली है। समाज के सभी वर्गों को इस गंभीर बीमारी से बचने के लिये पूरी सावधानी बरतनी होगी।
श्री खन्ना ने कहा कि यह ऐसा वायरस है जो दिखाई नही पडता। इसके इलाज के लिये दुनिया में अभी कोई दवा नही बनी। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर इस वायरस का ज्यादा असर होता है। उन्होंने कहा कि 55 साल से अधिक उम्र तथा बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। बचाव ही बेहतर है।
उन्होेने मेडिकल क्षेत्र से जुडे सभी लोगों से कहा कि वे मरीजों के साथ आत्मीयता का भाव अपनाएं। सभी चिकित्सकों का सम्मान करें। किसी को ठेस नही पंहुचाना चाहिए। इस गंभीर बीमारी को हल्के में नही लेना है। उन्होेने चिकित्सकों से कहा कि वे मेडिकल काॅलेज में आने वाले मरीजों का सबसे पहले कोरोना टेस्ट करायें। सभी मरीजों का समुचित इलाज व देखरेख की जाये। उपलब्ध संसाधनों से मरीजों के बेहतर इलाज के लिये सभी आवश्यक संसाधन व बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाये।
श्री खन्ना ने उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेज में कोरोना टेस्टिंग मशीन बढाई जाये। मरीजों का केवल स्क्रीनिंग ही नही टेस्टिंग भी सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों के उपचार के साथ-साथ सभी आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं को भी सुचारू रूप से चलाया जाये। प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य एवं इलाज का ध्यान रखा जाये। इसी के साथ कोरोना हास्पिटल तथा अन्य वार्डों का प्रवेश व निकास द्वार भी अलग-अगल बनाया जाये। जिससे कोरोना मरीजों के साथ-साथ अन्य मरीजों को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
उन्होेंने कहा कि इतिहास में उन्हीं लोगों का नाम लिखा जाता है जो सेवा को सर्वोपरी मानते है। उन्होेंने कहा कि हम मेडिकल साईंस की सभी खोजों का आदर करतें है लेकिन बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है। हमें इस बीमारी के फैलाव को रोकना है और भविष्य के लिये तैयार रहना है।
श्री खन्ना ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसी भी तरह से हर मरीज को बीमारी से निजात दिलाना है।
उन्होने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना टैस्टिंग क्षमता 10,000 है। जिसे भविष्य में और अधिक बढाया जायेगा। यह समय डाक्टरों के लिये चुनौती और अवसर भी है। टेलीमेडिसन के माध्यम से भी मरीजों का अति शीघ्र उपचार किया जाये। नर्सेज व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी नही है।
इससे पूर्व उन्होने मेडिकल काॅलेज के आइसोलेशन वार्ड तथा आपातकालीन वार्ड का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होेने कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर घर जाते हुए मरीज से हास्पिटल में मिली सुविधाओं व साफ-सफाई तथा उनके स्वास्थ्य के बारे में जाना। मरीजों से सीधे मिलकर उनका हाल-चाल पूछा व पुष्प भेंट किया। उन्होने साफ तौर पर कहा है कि ठीक होने वाले मरीजों को उनके घर तक सुरक्षित पंहुचाया जाये। किसी को घर जाने में कोई परेशानी नही होनी चाहिए।
ठीक होने वाले मरीजों को घर का कोई आदमी कत्तई परेशान नही करेगा। उन्होने उनके उज्जवल भविष्य एवं स्वास्थ्य की कामना की। निरीक्षण के दौरान मेडिकल काॅलेज में साफ-सफाई तथा चिकित्सा सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया।