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बेरोजगारों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, 3 महीने तक मिलेगी आधी सैलरी


नई दिल्ली, कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच कई कंपनियां बंद हो रही हैं. बिजनेस मंद पड़ने और कारोबार नहीं होने की वजह से कर्मचारियों की नौकरी जाने का भी खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार आपके लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है. 

केंद्र सरकार के ताजा फैसले का फायदा केवल उन बेरोजगारों को मिलेगा, जो 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के बीच अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे हैं।  वर्कर्स एंप्लॉयी स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन यानि ईएसआईसी के तहत रजिस्टर्ड लोग ही इस भत्ते का लाभ ले पाएंगे।  ESIC द्वारा संचालित अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना तहत बेरोजगारी भत्ता मिलता है। इसे अब 30 जून 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। 

इस योजना का फायदा केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो ईएसआई स्कीम के साथ कम से कम दो सालों से जुड़े हैं। यानि 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 तक इस स्कीम से जुड़े रहने वाले लोग इसके पात्र होंगे, जो इस दौरान 1 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच कम से कम 78 दिनों तक कामकाज किए हों। ईएसआईसी ने गणना की है कि इस कदम से मार्च से दिसंबर 2020 की अवधि में कुछ 41 लाख  लोगों को लाभ होगा। बोर्ड के निर्णय के अनुसार,  “दावा सीधे ईएसआईसी शाखा कार्यालय में प्रस्तुत किया जा सकता है और नियोक्ता के साथ दावे का सत्यापन शाखा कार्यालय स्तर पर किया जाएगा। बैठक के एजेंडा नोट के अनुसार, भुगतान सीधे आईपी के बैंक खाते में किया जाएगा।”

ऐसे बेरोजगार लोगों को अधिकतम 90 दिनों (तीन महीने ) के लिए सरकार भत्ता देगी। वह तीन महीने के लिए औसत सैलरी का 50 फीसद क्लेम कर सकता है। इससे पहले यह सीमा 25 फीसद थी। पहले बेरोजगार होने के 90 दिनों के बाद इसका फायदा उठाया जा सकता था। फिलहाल के लिए इसे घटाकर अब 30 दिन कर दिया गया है। यह जानकारी लेबर ऐंड एंप्लॉयमेंट मिनिस्टर संतोष गंगवार ने दी है।

कोरोना काल में जिन लोगों की नौकरी बची है, उस पर अभी भी खतरा मंडरा रहा है। सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से इंडस्ट्रियल वर्कर्स को बड़ी राहत मिली है। इससे करीब 40 लाख लोगों को राहत मिलेगी। बता दें किसी फैक्ट्री  में 10 या उससे ज्यादा मजदूर होते हैं, वहां यह स्कीम लागू होती है। उनकी सैलरी अगर 21 हजार तक होती है तो यह स्कीम लागू होगी। ईएसआई के तहत देश की करीब 3.5 करोड़ फैमिली यूनिट शामिल है, जिसके कारण करीब 13.5 करोड़ लोगों को कैश और मेडिकल बेनिफिट मिलता है।