मुजफ्फरनगर दंगों में फंसे बीजेपी नेताओं की मुश्किलें बढ़ीं……
August 12, 2018
लखनऊ, मुजफ्फरनगर दंगा मामलों में फंसे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मुजफ्फरनगर दंगा मामलों में जिले के डीएम ने इन नेताओं के खिलाफ केस वापस लेने से इंकार कर दिया है. इससे योगी सरकार द्वारा पार्टी के दो सांसदों और तीन विधायकों समेत दर्जनों नेताओं के खिलाफ साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर साम्प्रदायिक दंगों में दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की कोशिश को बहुत बड़ा धक्का लगा है.
मुजफ्फरनगर दंगा मामलें में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद संजीव बाल्यान, सहआरोपी भाजपा विधायक उमेश मलिक, भाजपा नेता साध्वी प्राची, उत्तरप्रदेश के मंत्री सुरेश राणा, सांसद भारतेंदु सिंह, बीजेपी विधायक संगीत सोम के खिलाफ मामले दर्ज हैं.
सूत्रों के अनुसार योगी सरकार ने 6 महीने पहले मुकदमे वापस लेने के लिए डीएम से रिपोर्ट मांगी थी. लेकिन वर्तमान डीएम राजीव शर्मा ने मुकदमे वापस लेने से इनकार कर दिया है. इस मामले में डीएम ने अपनी रिपोर्ट कानून मंत्रालय को भेज दी है. हालांकि कानून के जानकारों की मानें तो सरकार चाहे तो डीएम की रिपोर्ट को नकार सकती है.
भाजपा नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने अगस्त 2013 में एक महापंचायत का आयोजन कर अपने भाषणों से लोगों को हिंसा के लिए भड़काया था. इसके बाद मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे. इन दंगों में 60 लोग मारे गए थे और 40 हजार से ज्यादा लोग बेघर हुए थे. दरअसल पश्चिमी यूपी के एक प्रतिनिधि मंडल ने बीते 6 फरवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी.