नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय में वर्चुअल सुनवाई के दौरान रोज-ब-रोज नये-नये रोचक वाकये होते ही रहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप न्यायाधीशों और वकीलों के बीच कभी मनोरंजक बातें तो कभी नोकझोंक आम बात है।
शीर्ष अदालत में गुरुवार को भी एक ऐसा ही वाकया हुआ जब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हो रहे एक वकील साहब गुटखा चबाते नजर आये। फिर क्या था- खंडपीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने उन्हें आड़े हाथों लिया।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “यह (आपके मुंह में) क्या है?” इस पर वकील साहब ने घबराकर ‘सॉरी’ बोला। लेकिन न्यायमूर्ति मिश्रा कहां छोड़ने वाले थे, उन्होंने कहा, “क्या सॉरी (ह्वाट सॉरी)? आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए।”
वकील साहब ने उनकी हिदायत स्वीकार करते हुए अपनी जान बचाई।
कल ही राजस्थान संकट की सुनवाई के दौरान एक वरिष्ठ अधिवक्ता वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान हुक्का पीते नजर आये थे, लेकिन या तो न्यायाधीशों ने इसे नजरंदाज कर दिया था या उनकी नजर उस पर नहीं गयी थी।
एक वाकया मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान भी हुआ, जब एक वकील साहब ने ‘योर ऑनर’ बोला। इस पर न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि यह अमेरिकी अदालत नहीं है आप ‘योर ऑनर’ न बोलें।