बिहार में सुभासपा इतनी सीटों पर लडे़गी चुनाव, पहली से राजभर करेंगे चुनाव प्रचार

लखनऊ , सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पहली नवंबर से बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे। सुभासपा 42 सीटों पर चुनाव चिन्ह “छड़ी” के साथ चुनाव मैदान पर है।
गुरुवार को एक निजी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में राजभर ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला बोलते हुए कहा कि “बिहार में सुभासपा चुनाव लड़ रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में सपा के कुछ पाले लोग (पिल्ली-पिल्ला की तरह) चिल्ला रहे हैं कि हम वहां कैसे लड़ रहे हैं। बिहार में जिन्हें हमने तैयार किया था, वे पूरी तरह वोट देने को तैयार हैं।”
राजभर यहीं नही रुके, उन्होंने कहा कि सपा के “तनख्वाह पर पलने वाले कुछ लोग” अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं। “इनकी औकात नहीं है अपने नेता के सामने बोलने की। जो अनाप-शनाप बोल रहे हैं कि उनकी जमानत जब्त हो जाएगी ”।
उन्होने कहा कि सुभासपा लगातार सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट पर बहस की मांग कर रही है, लेकिन न तो सत्तारूढ़ दल और न ही विपक्षी दलों ने अब तक यह स्पष्ट किया है कि अति पिछड़ों को आरक्षण का लाभ दिलाने पर उनकी क्या राय है। उन्होंने कहा कि “27 प्रतिशत आरक्षण को 7, 9 और 11 प्रतिशत में विभाजित कर देना चाहिए, ताकि हर श्रेणी को लाभ मिले।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हलाल सर्टिफिकेट पर दिए बयान का समर्थन करते हुए राजभर ने कहा कि “मुख्यमंत्री ने जो कहा है वह सही है। विपक्ष को हमेशा देर से समझ में आता है। एनआरसी और सीएए के समय भी यही लोग भ्रम फैलाते रहे कि मुसलमानों की नागरिकता छीन जाएगी। इसको लेलर विपक्ष ने शाहीनबाग में धरना भी दिया था। उसमें क्या हुआ, किसी की नागरिकता गई। अब वक्फ संशोधन बिल पर भी झूठा प्रचार कर रहे हैं।”
काकोरी में दलित व्यक्ति के साथ हुई अमानवीय घटना पर उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य की वह निंदा करते हैं। “ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” स्वामी प्रसाद मौर्य के दीपावली संबंधी बयान पर राजभर ने कहा कि “लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। मौर्य बौद्ध धर्म को मानते हैं। जिसमे अब वही बता सकते हैं कि ऐसा क्यों कहा। ”
आजम खान द्वारा दिए गए दीपावली संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि “दीपक का काम प्रकाश देना है। भगवान राम ने जब अन्याय और अत्याचार पर विजय पाई, तब लोगों ने दीप जलाकर प्रसन्नता व्यक्त की। दीपक रोशनी का प्रतीक है, लेकिन आजम खान का यह कहना कि ‘दीए जलाने वाले कुछ भी जला सकते हैं’, इससे वह सहमत नहीं है।”

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