पाँच जुलाई को पेश होगा आम बजट, ये हैं वित्त मंत्री पर बड़ी जिम्मेदारियां?
June 30, 2019
नयी दिल्ली, पहली बार देश का आम बजट पेश करने की तैयारी कर रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, सरकारी निवेश में बढ़ोतरी करने के साथ ही निजी निवेश आकर्षित करने के उपाय करने, उपभोग बढ़ाने की नीति अपनाने और वेतनभोगियों को आयकर तथा विभिन्न मदाें में छूट के जरिये खुश करने की बड़ी जिम्मेदारी है।
श्रीमती सीतारमण पाँच जुलाई को चालू वित्त वर्ष का आम बजट पेश करेंगी। वह पहली बार बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री का कामकाज सँभालने के बाद से ही वह बजट की तैयारियों में लग गयीं और हर क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण देशों के राजनयिकों तथा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से भी मुलाकात कर चुकी हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में आ रही सुस्ती को थामते हुये ऐसी नीतियाँ बनाने की जरूरत है जिससे रोजगार के अधिक अवसर सृजित हों। नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किये जाने के बाद से अर्थव्यवस्था पर काफी दबाव है और उम्मीद के अनुरूप रोजगार के अवसर भी सृजित नहीं हो रहे हैं।
निजी निवेश में तेजी नहीं आ रही है और जब तक निजी निवेश में तेजी नहीं आयेगी तब तक रोजगार के अधिक अवसर सृजित नहीं हो सकते हैं।उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त वित्त मंत्री पर राजस्व घाटा और चालू खाता घाटा को भी लक्षित दायरे में रखने का दबाव है क्योंकि पहले दो महीने में राजस्व घाटा 3.66 लाख कराेड़ रुपये पर पहुँच गया है।
अप्रैल और मई महीने में ही देश का राजस्व घाटा पूरे वित्त वर्ष के लिए निर्धारित बजट अनुमान के 52 प्रतिशत पर पहुँच चुका है। सरकार को अनुमान के अनुरूप दो महीने में राजस्व नहीं मिला है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने राजस्व घाटे का लक्ष्य 3.4 प्रतिशत रखा जो पिछले वित्त वर्ष के समान है। इसके साथ ही चालू खाता घाटा को भी लक्षित दायरे में रखना भी चुनौतीपूर्ण होगा।