सुप्रीम कोर्ट में निर्मोही अखाड़े ने क्यों किया, केंद्र सरकार की मांग का विरोध

नयी दिल्ली,  अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के एक पक्षकार निर्मोही अखाड़ा ने उच्चतम न्यायालय में एक नयी अर्जी दायर करके गैर-विवादित भूमि लौटाने की केंद्र सरकार की मांग का विरोध किया है।

केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल करके अयोध्या में 1993 में अधिगृहित की गयी 67.703 एकड़ जमीन में से 0.313 एकड़ विवादित भूमि छोड़कर बाकी की जमीन राम जन्मभूमि न्यास एवं अन्य भू-मालिकों को वापस करने की इजाजत मांगी थी।

निर्मोही अखाड़ा का कहना है कि सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करने से कई मंदिर नष्ट हो जायेंगे, जिनका संचालन अखाड़ा करता है, इसलिए उसने अदालत से विवादित भूमि पर फैसला करने के लिए कहा है।

सरकार ने न्यायालय से इस मामले में यथास्थिति कायम रखने का 31 मार्च 2003 का आदेश रद्द करने या संशोधित करने की गुहार लगायी है, ताकि वह अयोध्या भूमि अधिग्रहण को सही ठहराने वाले संविधान पीठ के इस्माइल फारुकी फैसले के मुताबिक अपने दायित्व का निर्वाह कर सके।

केंद्र सरकार ने यह अर्जी 16 साल पुराने मोहम्मद असलम भूरे मामले में दाखिल की है, क्योंकि शीर्ष अदालत ने उसी मामले में 31 मार्च 2003 को विवादित जमीन के साथ ही पूरी अधिगृहित जमीन पर यथास्थिति कायम रखने के आदेश दिये थे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com