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अब इंजीनियर,मैनेजर बनना चाहते हैं ट्रैकमैन और गैंगमैन,जाने क्यों

नई दिल्ली, निजी कंपनियों के कर्मचारी दे रहे रेलवे में ग्रुप-डी की परीक्षा, इंजीनियर,मैनेजर बनना चाहते हैं रेलवे में खलासी ,ट्रैकमैन और गैंगमैन। ऐसे नौकरीपेशा लोगों की संख्या हजारों में है।

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रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के लिए हजारों नौकरी पेशा परीक्षा दे चुके हैं और हजारों अभी कतार में हैं।रेलवे की परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों में लगभग 40 फीसदी परीक्षार्थी किसी न किसी निजी कंपनी में इंजीनियर और मैनेजर के पद पर काम रहे हैं। पांच फीसदी ऐसे भी हैं जो खुद का व्यवसाय कर रहे हैं। इसके बावजूद नौकरी के लिए किस्मत आजमा रहे हैं।ऐसे नौकरीपेशा लोगों की संख्या हजारों में है।रेलवे में खलासी, ट्रैकमैन और गैंगमैन बनना चाहते हैं।

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निजी कंपनी में अच्छे पदो पर काम करने वाले लम्बे समय से सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे है। सरकारी नहीं मिली तो निजी कंपनी में नौकरी करने लगे। 35 हजार रुपये वेतन पाते हैं और रोज ऑफिस जाते हैं। एसी केबिन में बैठकर काम करते हैं। पर अब रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के लिए परीक्षा दे रहे है। परीक्षा की तैयारी के लिए छह महीने कोचिंग भी की।निजी कंपनियों  में काम करने वाले इंजीनियरो,मैनेजरो  का कहना है कि सरकारी नौकरी सुरक्षित है। परीक्षार्थियों कहना है कि रेलवे में पद कोई भी क्यों न हो कम से कम वहां एक छोटी सी गलती होने पर नौकरी जाने का खतरा नहीं रहेगा।