मंत्रालय ने बताया कि यह पोर्टल आयात.निर्यात और घरेलू व्यापार के सभी संबद्ध पक्षों तथा माल की आवाजाही और व्यापारिक गतिविधियों को एक मंच पर लाने का काम करेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट भाषण में इस तरह के सिंगल विंडो ऑनलाइन बाजार बनाने की घोषणा की थी और कहा था कि यह कारोबार को जोड़ेगा तथा उनके लिए अवसर पैदा करेगा। साथ ही यह विभिन्न मंत्रालयों और विभागों तथा निजी क्षेत्रों को साथ लाने का काम भी करेगा।
मंत्रालय के अनुसारए इस पोर्टल पर व्यापारीए विनिर्माताए लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताए बुनियादी ढाँचा प्रदाताए वित्तीय सेवाएँए सरकारी विभागए विभिन्न समूह और संगठन होंगे। उसने बताया कि इस पोर्टल की जरूरत इसलिए महसूस की गयी क्योंकि देश का लॉजिस्टिक्स सेक्टर काफी तितर.बितर है। इसमें 20 सरकारी एजेंसियाँए 40 सहयोगी सरकारी एजेंसियाँ और 37 निर्यात संवर्द्धन परिषद् शामिल हैं। इसके अलावा लॉजिस्टिक्स में 500 तरह के प्रमाणन हैं तथा 10 हजार कमॉडिटी के लिए इस क्षेत्र की सेवाएँ ली जाती हैं।
इसका कारोबार अभी 160 अरब डॉलर का है और दो साल में इसके बढ़कर 215 अरब डॉलर पर पहुँच जाने की उम्मीद है। अभी लॉजिस्टिक्स लागत सकल घरेलू उत्पाद का 14 प्रतिशत है जिसे वर्ष 2022 तक घटाकर 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्रालय का दावा है कि यह पोर्टल भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्द्धी बनाने रोजगार सृजनए वैश्विक रैंकिंग में भारत का प्रदर्शन सुधारने और देश को लॉजिस्टिक्स हब बनाने में मददगार होगा।
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