कहते हैं कि लाइफ में अगर एक सच्चा दोस्त हो तो फिर हर मुश्किल काम आसान हो जाता है। इसीलिए जीवन में माता-पिता के बाद किसी अन्य व्यक्ति का महत्व होता है, तो वो एक सच्चे मित्र का होता है। दोस्ती का रिश्ता वास्तव में बहुत ही खास होता है। इसी खास रिश्ते को और भी खास बनाने के लिए हर साल अगस्त के पहले रविवार के दिन ‘इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे’ मनाया जाता है। इस साल ‘इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे’ 4 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा । बदलते दौर के साथ लोगों के फ़्रेंडशिप करने के तरीके में भी बड़ा बदलाव आया है। आज के डिजिटल युग में, लोग ऑनलाइन दुनिया में ज़्यादा जुड़े हुए हैं और यही पर वो अपने वर्चुअल दोस्त बना लेते है, ये दोस्ती का सफर कब तक रहेगा ये कहना बहुत मुश्किल है।
दोस्ती का बदला तरीका-
बदलते मोर्डन युग के साथ दोस्ती और उसे निभाने का तरीका काफी बदल गया है। आज के समय में लोग वर्चुअल दोस्तों को अधिक समय देते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार जिंदगी में समय की कमी है। वर्चुअल दुनियां ने दोस्ती का दायरा भी काफी तेजी से बढ़ाया है। कल तक गली-मोहल्लों, स्कूल-कॉलेजों और ऑफिसों में होने वाली दोस्ती सीमित नही रह गई है अब वह सात समंदर पार तक बैठे लोगों तक फैल गई है। इसका जरिया सोशल साइट्स बनी हैं। जिससे पलक झपकते ही आप अपने दोस्त का हाल-चाल जान सकते है और अपना हाल बता भी सकते है।
सोशल साइट्स की दोस्ती-
आज के समय में लोग सोशल साइट्स के जरिए हमेशा अपने दोस्तों के साथ जुड़े रहते हैं और हर ओकेजन पर इन साइट्स के जरिए ही सेलिब्रेट करते हैं। फिर चाहे बर्थडे विश हो, फेस्टिवल विश हो, फ्रेंडशिप विश हो, मैरिज एनिवर्सरी विश हो या सक्सेस विश ये सब करना कॉमन हो गया है। ऐसे में सोशल साइट भी अपने यूजर्स का क्रेज देखते हुए उनको लुभाने के लिए हर ओकेजन पर खास तैयारी करते है वो यूजर्स को किसी न किसी ऐप के माध्यम से गिफ्ट भी देते है जिससे उनकी साइट्स के प्रति यूजर्स का क्रेज कम न हो जाए
संदिग्ध रिश्तों की गहराई-
हम ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर जा कर हर उम्र, वर्ग के लोगों के साथ दोस्ती तो कर लेते हैं लेकिन इन रिश्तों की गहराई ससपीसीयस (Suspicious)हो सकती है। वीडियो कॉल पर बातचीत में कभी-कभी इमोशनल डेब्थ और ऑथेंटिसिटी (authenticity)
की कमी होती है। लाइक, कमेंट और इमोजी अक्सर बेहतर और सच्चे रिश्ते होने का भ्रम पैदा करते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन की बातचीत में ऐसा नही होता है।
वर्चुअल कॉन्टेक्ट-
हालांकि ऑनलाइन दुनिया दोस्तों के साथ कनेक्शन के लिए बहुत सारी पोसिबिलिटीज प्रदान करती है, फिर भी हमें सावधान रहना चाहिए कि वर्चुअल कॉन्टेक्ट के लिए रियल ह्यूमन रिलेशनशिप प्रोस्पिरटी(Prosperity)को न छोड़े। इसलिए डिजिटल और फिजिकल इंटरैक्शन के बीच बैलेंस बनाना जरूरी है।
फ्रेंडशिप कैरी करना इजी-
सोशल साइट्स आने के बाद फ्रेंड्सशिप को कैरी करना काफी आसान हो गया है। अगर आप के पास टाइम की कमी है तो भी आप सोशल साइट्स के जरिए किसी भी समय दोस्तों के टच में रह सकते हैं। खासतौर पर ऐसे दोस्तों के जो दूर विदेशों में रहते हो। अपनी बातों को दोस्तों तक पहुंचाना इन साइट्स के जरिए आसान हो गया है।
जिंदगी में कितने दोस्त आपके साथ हैं?
आज के दौर में भले ही सोशल मीडिया में आपकी सूची में हजारों दोस्त हों पर असल जिंदगी में कितने आपके साथ हैं? ये बहुत जानना बेहद ज़रूरी है आज सोशल मीडिया के हम चाहें कितनी दोस्तों की भीड़ जुटा लें पर दुख—तकलीफ और खुशियों में वह खड़े दिखाई नहीं देते हैं? हजारों दोस्तों की भीड़ होते हुए भी इंसान अकेलापन महसूस करता है। खुशी हो या गम लोग सोशल मीडिया पर संदेश लिखकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं, और बदले में ऐसे दोस्तों को खो जाते हैं, जो हर कदम पर हमारे साथ रहते हैं।
जिंदगी में मिलते रहिए-
इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि सोशल मीडिया एक दूसरे के काम को जानने का अच्छा जरिया है, लेकिन यदि उसे असल जिंदगी के विकल्प की तरह समझ लिया जाएगा तो तकलीफ ही होगी। इस दोस्ती के दिन पर खुद से ये वादा करें कि अपने यारों से सोशल मीडिया पर नहीं बल्कि असल जिंदगी में मिलते रहिएगा।
रिपोर्टर-आभा यादव