नयी दिल्ली, देश के सबसे बड़े मोबिलिटी प्लेटफॉर्म ओला समूह दिल्ली में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के राहत उपायों में सहयोग देेने लिये
मुख्यमंत्री राहत कोष में 50 लाख रुपये देगा।
ओला ने हाल ही में बेंगलुरु, गुरुग्राम, विशाखापत्तनम, नासिक और भुवनेश्वर जैसे शहरों में अपने प्लेटफॉर्म पर आवश्यक चिकित्सा यात्राओं के
लिए अपने ऐप पर ‘ओला इमरजेंसी’ लॉन्च किया है और आने वाले हफ्तों में दिल्ली सहित और अधिक शहरों में इसकी शुरुआत की तैयारी है।
नयी श्रेणी कई नागरिकों के लिए एक बहुत जरूरी गतिशीलता समाधान लाएगी, जिनके पास चिकित्सा आपातकाल के मामले में अस्पताल तक
पहुंचने के लिए परिवहन का अन्य कोई साधन नहीं है।
ओला समूह की विभिन्न व्यवसायिक इकाइयां हैं।
वैसे राइड-हेलिंग, आर्म ओला मोबिलिटी, ओला फाइनेंशियल सर्विसेज, ओला फूड्स और ओला इलेक्ट्रिक हैं।
ओला समूह के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाविश अग्रवाल ने कहा, “ कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में हम दिल्ली सरकार के
प्रयासों के साथ खड़े हैं।
मुख्यमंत्री राहत कोष इस समय सबसे बुरी तरह प्रभावित लोगों को जमीनी स्तर पर राहत और सहायता देने में महत्वपूर्ण है।
इस कोष में अपने विनम्र योगदान के साथ हम अग्रिम पंक्ति के हजारों कर्मचारियों, कानून लागू करवाने वालों, सरकारी अधिकारियों और
स्वयंसेवियों की निस्वार्थ सेवा के प्रति आभार जताते हैं, जो इस महामारी से लड़ रहे हैं। ”
कंपनी की सामाजिक कल्याण शाखा, ओला फाउंडेशन ने हाल ही में ‘ड्राइव द ड्राइवर फंड’ लाँन्च किया था।
इस फंड का उद्देश्य नागरिकों और संस्थानों के लिए ओला ग्रुप और एक क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश भर में कैब, ऑटो-रिक्शा,
और काली-पीली टैक्सी चालकों का समर्थन करना है।
ओला समूह और उसके कर्मचारियों ने पहले ही 20 करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जबकि श्री अग्रवाल ने इसके लिए अपना एक साल का वेतन छोड़ा हैं।
दीर्घकालिक निधि इस महामारी के माध्यम से और इससे प्रभावित समुदायों को चिकित्सकीय आपात स्थितियों के लिए वित्तीय सहायता के
साथ-साथ चालक समुदायों में आवश्यक आपूर्ति वितरण सहित विभिन्न माध्यमों से चालकों परिवारों की मदद करेगी।
ओला ग्रुप समूह ले सप्ताह पीएम केयर्स फंड में भी पांच करोड़ की रुपये दिये थे।
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