लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जहां कोरोना वायरस से प्रदेश मे हुयी पहली मौत पर दुख और चिंता व्यक्त की है वहीं, घर लौट रहे लोगों की मौत पर अखिलेश यादव ने सरकार से मांग भी की है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश के वीवीआईपी जनपद गोरखपुर में 25 साल के युवक की कोरोना से हुई पहली मौत अत्यंत दुःखद एवं चिंताजनक है। बस्ती निवासी युवक का गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज अस्पताल में इलाज चल रहा था। मृतक के परिवार के प्रति गहरी संवेदना।
घर लौट रहे जिन लोगों की मौत हो गई है सरकार द्वारा उनके शवों की पहचान कर ससम्मान उनके घरों तक पहुंचाने और 25 लाख रूपए की मदद दिए जाने की तत्काल व्यवस्था हो।
प्रदेश भर में अस्पतालों को बड़े पैमाने पर चिकित्सकीय सामानों की जरूरत है। प्रयागराज में दवाएं खत्म, बांदा में दो वेण्टीलेटर के भरोसे मेडिकल कालेज व अस्पताल। कोरोना से जंग के बीच आजमगढ़ में डाक्टरों के नाम पर जारी हुए 3 हजार माॅस्क कहां गए? त्रासदी के दौर में भी भ्रष्टाचारियों का खेल सरकार रोक नहीं पा रही है। सरकार डाक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के बचाव के लिए सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराने में चूक न करे ताकि बेखौफ होकर ‘जीवन रक्षक‘ अपना काम कर सके।
सरकार को पैरामेडिकल स्टाफ सुनिश्चित कर उनकी तमाम सुविधाऐं उपलब्ध करानी चाहिए। पर्याप्त मात्रा में सैनेटाइजर एवं टेस्टिंग किट की व्यवस्था हो।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाजवादी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई 102-108 एम्बुलेंस सेवा के ड्राईवर, स्टाफ एवं कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं मिलने के कारण उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा। ऐसे अवसर पर राज्य सरकार को मानवीय संवेदना का परिचय देना चाहिए जिससे इस बीमारी से लड़ने में कोई कोताही न हो।
श्री अखिलेश यादव ने, फिर सभी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं-समर्थकों से अपील की है कि वे अपनी क्षमता-सामथ्र्य के अनुसार अपने आसपास रह रहे लोगों के भोजन, दवाई, इलाज एवं विश्राम की व्यवस्था करे, यही सच्ची मानव सेवा है।