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इतने नुकसानों से बचने का एक समाधान, पालीथीन को कहें न- गोरखपुर नगर

लखनऊ , सिंगल यूज प्लास्टिक या पालीथीन का प्रयोग हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। ऐसा करने पर जुर्माना होगा। इसलिये अब आप पालीथीन का प्रयोग न करें। ये बात नुक्कड़ नाटक के जरिये समझाई गई।

 आज स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय के तहत, स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए  गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र के वार्ड खोराबर वार्ड नंबर 6 में  “गंदगी से आजादी” अभियान के क्रम में नुक्कड़ नाटक के जरिये सिंगल यूज प्लास्टिक या पालीथीन से होने वाले नुकसान और उससे बचने के उपाय बताये गये।

नुक्कड़ नाटक टीम ने दर्शकों को बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। यह  प्लास्टिक न तो डिकंपोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है। क्योंकि प्लास्टिक के जलने से जहरीली गैसें और खतरनाक केमिकल निकलते हैं, जो न सिर्फ पर्यावरण, बल्कि इंसानों, जानवरों और पेड़-पौधों की सेहत के लिए खतरनाक हैं। प्लास्टिक कचरा जलाने वाली डंप साइट पर काम करने वाले लोग और उसके आसपास रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही इससे सांस लेने से जुड़ी समस्याएं भी हो जाती हैं। जब कि करीब 15% सिंगल यूज प्लास्टिक जला दिया जाता है।

प्लास्टिक के टुकड़े पर्यावरण में जहरीले रसायन छोड़ते हैं, जो इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक होते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा बारिश के पानी को जमीन के नीचे जाने से रोकता है, जिससे ग्राउंड वॉटर लेवल में कमी आती है।