नयी दिल्ली, पूरे देश में केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की शेष परीक्षाओं को निरस्त करने को लेकर गुरुवार को भी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका और उच्चतम न्यायालय ने कल सुबह साढ़े 10 बजे तक सुनवाई टालते हुए सरकार को वैकल्पिक परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम संबंधी विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टता के साथ पेश होने को कहा।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने कहा कि सरकार शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर अंतिम सुनवाई से पहले संशोधित मसौदा अधिसूचना पेश पेश करेगी।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के कारण रद्द हुई 10वीं की परीक्षाएं और कोरोना संक्रमण के कारण रद्द हुए 12वीं की परीक्षाएं एक जुलाई से 15 जुलाई तक होनी थी, लेकिन सरकार ने इसका आयोजन रद्द करने का निर्णय लिया है, क्योंकि परीक्षा के लिए स्कूल खाली नहीं हैं और महामारी की स्थिति भी भयावह है।
श्री मेहता ने कहा कि 10वीं के छात्रों का परीक्षा परिणाम आंतरिक आकलन के आधार पर दिया जायेगा, जबकि 12वीं के छात्रों के लिए वैकल्पिक परीक्षा की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने बताया कि जो छात्र परीक्षा देना चाहेंगे उनके लिए बाद में परीक्षा आयोजित की जायेगी, लेकिन इस बिंदु पर न्यायालय ने सरकार से कई सवाल किये, मसलन- परीक्षा परिणाम की तारीख क्या होगी और नये शैक्षणिक सत्र का निर्धारण कैसे होगा?
सरकार का जवाब असंतोषजनक पाकर न्यायालय ने कहा कि वह इस संबंध में कल सुबह अंतिम आदेश सुनाएगा, लेकिन उससे पहले सरकार को इन सभी बिंदुओं पर स्पष्टता के साथ संशोधित मसौदा अधिसूचना पेश करनी होगी।