Breaking News

ओवैसी ने इस पार्टी से मिलाया हाथ ,कहा 2019 में मिलकर लड़ेगे चुनाव

मुंबई, 2019 को लेकर सभी पार्टियों ने अपना-अपना जोड़-तोड़ करना शुरु कर दिया है. गठबंधन के इस बनते बिगड़ते खेल में महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर आई है.असदुद्दीन औवेसी ने बड़ी घोषणा की है.उन्होने कहा कि 2019 में इस पार्टी के साथ मिलकर  चुनाव लड़ेगे.

शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह को लेकर किया बड़ा ऐलान….

उनके बनाये फार्मूले पर जब हमने जवाब दिया, तो भाजपा सभी उपचुनाव हार गई- अखिलेश यादव

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने घोषणा की है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन  और भारिप बहुजन महासंघ  2019 में लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन बनाएंगे.औवेसी ने कहा, “दोनों पार्टियों के बीच आरंभिक बातचीत में सकारात्मक परिणाम आये हैं. प्रकाश आंबेडकर  दो अक्टूबर को औरंगाबाद में जनसभा को संबोधित करेंगे जिसमें मैं भी उपस्थित रहूंगा. गठबंधन का औपचारिक ढांचा बाद में घोषित किया जायेगा.

बीजेपी का यादव सम्मेलन: निशाने पर रहा सैफई परिवार, योगी सरकार मे यादवों की अनदेखी पर उठे सवाल

लखनऊ में कल मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस

इस बारे में बात करते हुए औरंगाबाद से एआईएमआईएम के विधायक इम्तियाज जलील ने कहा कि गठबंधन का विचार 70 सालों से उपेक्षित दलितों, मुस्लिमों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को साथ लाना है. इनका राजनीति में समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है और इनका उपयोग वोट बैंक की तरह किया जाता है.” इम्तियाज जलील ने कहा कि यह सभी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के लिए शर्म की बात है कि महाराष्ट्र से संसद में मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं है. हर कोई उनका वोट चाहता है लेकिन प्रतिनिधित्व कोई नहीं देना चाहता. यही स्थिति दलितों की भी है.

मायावती अपने नये आवास मे हुईं शिफ्ट, जानिये बसपा अध्यक्ष का नया पता

बीजेपी के ये सहयोगी दल भी, महागठबंधन में हो सकते हैं शामिल

यूपी मे एकबार फिर अराजक तत्वों के हौसले बुलंद, डा. आंबेडकर निशाने पर, तोड़ी गई प्रतिमा

भाजपा का आज लखनऊ में यादव सम्मेलन, जानिये क्या है जमीनी हकीकत ?

खजांची के जन्मदिन पर अखिलेश यादव करेंगे यह काम शुरू

भाजपा सरकार ने सबसे ज्यादा पिछड़े व दलित युवाओं की नौकरी छीनने का काम किया- अखिलेश यादव

भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर ने मायावती को लेकर दिया बड़ा बयान….

विद्यार्थी चेतना फाउंडेशन करा रही, सामाजिक न्याय की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी

बुरी तरह फंस गई थी बीजेपी सरकार, तब की भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर की रिहाई, ये रही मजबूरी..?