नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत आज अपनी ‘विरासत पर गर्व’ की भावना लेकर अपने गौरव को फिर से आगे बढ़ा रहा है और हमारी संस्कृति और प्राचीन धरोहरें दुनिया भर के पर्यटकों को भारत की ओर आकर्षित कर रही है। श्री मोदी दिल्ली के लाल किले में करेंगे भारत में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक उत्सव- प्रथम भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन बिएननेल (आईएएडीबी) 2023 का उद्घाटन कर रहे थे।
यह उत्सव नौ- 15 दिसंबर तक जनता के लिए खुला रहेगा। इसे इस समय के प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय आयोजनों की कोटि में खड़ा करने का लक्ष्य है।
इस अवसर पर उन्होंने आत्मनिर्भर भारत सेंटर फॉर डिजाइन और विद्यार्थी बिएननेल (समुन्नति) का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित सभा में बड़ी संख्या में युवक-युवतियां उपस्थित थीं।
श्री मोदी ने इस अवसर पर यह भी कहा,“हम दुनिया के सबसे विविधतापूर्ण राष्ट्र हैं, लेकिन साथ ही वही विविधता हमें आपसमें जोड़ती भी है।” उन्होंने कहा,‘‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में भारत की लोकतांत्रिक परम्पारा ही भारत की इस विविधता का स्रोत है।”
उन्होंने कहा कि भारत में कला को, रस और रंगों को जीवन का पर्याय माना गया है।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने पांच शहरों में सांस्कृतिक आयोजनों के लिए विशेष स्थल विकसित करने की एक ऐतिहासिक पहल शुरू की है। दिल्ली के साथ साथ, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद और वाराणसी में सांस्कृतिक आयोजन स्थल बनेंगे जो इन शहरों को सांस्कृतिक रूप से और भी समृद्ध करेंगे।
उन्होंने कहा कि आज ‘आत्मनिर्भर भारत सेंटर फॉर डिज़ाइन’का लोकार्पण हुआ है। यह सेंसटर भारत के अद्वितीय और अद्भुत हस्तशिल्प और हस्तकलाओं को आगे बढ़ाने का मंच प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि यह सेंटर कारीगारों और डिज़ाइनरों को एक मंच पर लाने तथा उन्हें बाजार को ध्यान में रख कर नयी-नयी चीजें नकालने में मदद करेगा।
सरकार का कहना है कि लाल किला बिएननेल वेनिस, साओ पाउलो, सिंगापुर, सिडनी और शारजाह आदि में आयोजित किए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय बिएननेल की तरह भारत में भी एक वैश्विक सांस्कृतिक उत्सव को संस्थागत रूप देने के प्रधानमंत्री मोदी के सपने के अनुरूप है। इस सोच के अनुरूप संग्रहालयों को रीइन्वेंट, रीब्रांड, नवीनीकृत और पुन: स्थापित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया है।
लाल किले में यह सांस्कृतिक उत्सव कलाकारों, वास्तुकारों, डिजाइनरों, फोटोग्राफरों, संग्राहकों, कला पेशेवरों और जनता के बीच समग्र वार्तालाप शुरू करने और सांस्कृतिक संवाद को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उभरती अर्थव्यवस्था के हिस्से के रूप में कला, वास्तुकला और डिजाइन के रचयिताओं के साथ विस्तार और सहयोग करने के मार्ग और अवसर भी प्रदान करेगा।
आईएएडीबी सप्ताह के प्रत्येक दिन अलग-अलग विषय पर आधारित प्रदर्शनियां लगायी जाएंगी ।