लखनऊ, जनता के मन में पुलिस को लेकर सामान्य तौर पर ये धारणा है कि महिलाओं की शिकायत को पुलिस अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस में कुछ ऐसे भी अफसर मौजूद हैं, जिनकी महिलाओं के प्रति संवेदनशील कार्यवाही यूपी पुलिस का सिर ऊंचा कर देती हैं।
रायबरेली में दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की शिकार एक नव विवाहिता अपनी शिकायत लेकर थाना मिल एरिया पहुंची। लगभग डेढ़ माह पूर्व घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न एवं छेड़खानी की शिकार नव विवाहिता को उसके माता पिता आजिज आकर रायबरेली स्थित ससुराल से मायके कानपुर ले गये थे। अपने मायके से डेढ़ महीने बाद जब नव विवाहिता ससुराल वापस आई तो उसके पति ने दरवाजा नही खोला, ससुर ने आकर बेटे को घर से भगा दिया और बहू से झूठ बोलते हुये कहा ये मेरा घर है, मैंने बेटे को बेदखल कर दिया है। जब नव विवाहिता ने पुलिस को बुलाने की बात कही तो ससुर ने कहा पुलिस मेरा क्या कर लेगी, पैसा फेंक दूंगा, मेरा और मेरे बेटे का कुछ नही बिगड़ने वाला है।
दुखी होकर नव विवाहिता 1090 डायल करती है, तो दो पुलिस कांस्टेबिल मौके पर पहुंचते हैं। वे दोनों भी ससुर से दरवाजा खोलने को कहतें हैं, लेकिन पैसे और पहुंच के घमंड मे चूर ससुर दरवाजा खोलने से साफ इंकार कर देता है। पुलिस कांस्टेबिल नव विवाहिता के पति को फोन लगातें हैं तो वह भी पुलिस वालों को ही बुरा भला कहने लगता है।
परेशान हताश नवविवाहिता अपने पिता और मामा के साथ थाना मिल एरिया पहुंचती है। जहां नव विवाहिता महिला हेल्प डेस्क में महिला पुलिस कर्मियों के समक्ष अपनी पूरी बात बताती है। महिला अपने पति एवं ससुराल पक्ष के खिलाफ घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न एवं छेड़खानी की शिकायत करती है। उसके पति को फोन करके तुरंत थाने बुलाया जाता है। पति और पत्नी के बीच बातचीत होती है, पर वह पत्नी को भला बुरा बताकर घर ले जाने से मना कर देता है।तब बात न बनते देख प्रभारी निरीक्षक बृजेश राय स्वयं दोनों से बात कर मामले को सुलझाने की कोशिश करतें हैं। लेकिन पैसे और पहुंच की घमंड में चूर पति किसी बात को मानने को तैयार ही नही होता है। इस बीच पति की पैरवी करने वालों और जानने वालों की भीड़ जुटने लगती है। पति के पक्ष में फोन आने लगतें है। इसे देखकर नव विवाहिता और उसके परिजनों मे हताशा और निराशा बढ़ने लगती है।
लेकिन इन सबकी परवाह न करते हुये, प्रभारी निरीक्षक बृजेश राय की पीड़िता के प्रति संवेदनशीलता और न्याय की कार्रवाई शुरू होती है। तमाम दबावों के बावजूद नव विवाहिता की एफआईआर दर्ज कर उसकी कापी पीड़िता को सौंपी जाती है। साथ ही रात्रि में कानपुर घर वापसी को लेकर उसे सुरक्षा के प्रति भी आश्वस्त किया जाता है।
इस घटना से पैसे और पहुंच की घमंड में चूर ससुराल पक्ष का दंभ तोड़कर यूपी पुलिस के संवेदन शील इंस्पेक्टर बृजेश राय ने , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति अभियान के सपनों को साकार कर मिसाल कायम की है। दरअसल, 17 अक्टूबर 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिशन शक्ति अभियान प्रदेश मे महिलाओं को सुरक्षा दिलाने की दिशा मे बड़ा कदम है। जिसको लागू करने मे उत्तर प्रदेश पुलिस की सबसे अहम भूमिका है।
मिशन शक्ति‘ अभियान के तहत सरकार ने प्रदेश के 1535 पुलिस थानों में एक अलग कमरे का प्रावधान किया है जिसमें पीड़ित महिलाएं, महिला पुलिसकर्मी के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकती हैं। सरकार की इस पहल से अपराधियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो सकेगी और उन्हें सजा दी जा सकेगी।