सरकारी टीवी ने बताया कि 67 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति जासूसी के आरोप में अदालत की सुनवाई में हिस्सा ले रहे थे, तभी वह अचानक से बेहोश हो गए और उनका निधन हो गया. उनके शव को अस्पताल ले जाया गया. मुर्सी को 2012 में देश का राष्ट्रपति चुना गया था. यह चुनाव मिस्र के लंबे समय तक राष्ट्रपति रहे हुस्नी मुबारक को पद से हटाने के बाद हुए थे.
मुर्सी का ताल्लुक देश के सबसे बड़े इस्लामी समूह मुस्लिम ब्रदरहुड से था जिसे अब गैर कानूनी घोषित कर दिया गया है. फौज ने बड़े स्तर पर हुए विरोध-प्रदर्शनों के बाद 2013 में मुर्सी का तख्तापलट कर दिया था और ब्रदरहुड को कुचल दिया था. सेना ने मुर्सी समेत समूह के कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था.