नयी दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए खास निर्देश दिये।
श्री मोदी ने आज यहां वीडियो कांफ्रेन्स से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं की वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से एक बैठक में समीक्षा की। बैठक में ड्रोन वीडियो के माध्यम से मंदिर परिसर में चल रहे कार्यों में प्रगति के बारे में भी एक प्रस्तुति दी गयी। साथ ही वाराणसी में कोरोना वायरस के कारण फैल रही महामारी से निपटने के लिए किये जा रहे उपायों पर भी चर्चा की गयी।
प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि इस विकास परियोजना के दौरान खुदाई में मिले सभी प्राचीन मंदिरों को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाना चाहिए। इन मंदिरों की ऐतिहासिक और वास्तुकला से संबंधित धरोहर को बरकरार रखने के लिए विशेषज्ञों की सलाह ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्बन डेटिंग कर इनके महत्व का पर्यटकों और श्रद्धालुओं के समक्ष उल्लेख किया जाना चाहिए। काशी विश्वनाथ न्यास को मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक रूट मानचित्र भी बनाना चाहिए।
इसके साथ ही श्री मोदी ने वाराणसी की सभी अन्य परियोजनाओं की भी समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि वाराणसी में लगभग 8000 करोड़ रूपये की लागत से अस्पताल के भवन, राष्ट्रीय वाटरवे, रिंग रोड़, बाई पास और भारत जापान के सहयोग से बनाये जा रहे अंतर्राष्ट्रीय कनवेंशन सेंटर ‘रूद्राक्ष’जैसी 100 प्रमुख परियोजनाएं चलायी जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से विभिन्न विकास परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने और उन्हें सभी मानकों के अनुरूप समय सीमा में पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगली पीढी की ढांचागत सुविधाओं को तैयार करने में गैर नवीकरणीय ऊर्जा का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
काशी में पर्यटन को बढाने के लिए क्रूज पर्यटन, प्रकाश एवं ध्वनि शो, खिड़किया और दशवमेघ घाट और गंगा आरती के श्रव्य और दृश्य वीडियो शुरू करने के काम तेजी लाने पर भी उन्होंने जोर दिया। काशी को दुनिया में विश्व धरोहर का प्रमुख केन्द्र बनाये जाने के प्रयासों पर भी उन्होंने बल दिया।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे एक ऐसे मॉडल रोड़ की पहचान करें जिसका गौरव पथ के रूप में विकास किया जा सके और जो काशी की धरोहर का प्रतीक बनें।
श्री मोदी ने कहा कि काशी के एक पर्यटक केन्द्र होने के कारण इसे साफ सफाई के सभी मापदंडों पर खरा उतरना चाहिए। क्षेत्र में हर घर से कचरे को एकत्र किये जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। बैठक में दिये गये प्रेजेन्टेशन में वाराणसी में विश्व स्तरीय संचार और संपर्क संरचना के विकास पर भी चर्चा की गयी। लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार और आधुनिकीकरण के काम को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किये जाने का भी उन्होंने निर्देश दिया जिससे काशी को देश का अग्रणी शहर बनाया जा सके।
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत से संबंधित घोषणाओं की प्रगति की भी समीक्षा की और निर्देश दिया कि इस योजना का लाभ नागरिकों तक शीघ्रता से पहुंचना चाहिए। ‘स्ट्रीट वेंडर्स’ के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की प्रगति पर पैनी नजर रखी जानी चाहिए। सभी ‘स्ट्रीट वेंडर्स’ को उपयुक्त प्रौद्योगिकी और बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें ‘कैशलेस’ लेन-देन अपनाने में मदद मिल सके। उनके बैंक खाते खोले जाने चाहिए और उनके व्यवसाय और क्रेडिट प्रोफ़ाइल को डिजिटल रूप से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि वे प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत ‘कोलैटरल फ्री’ ऋण का अधिकतम लाभ उठा सकें।
श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि किसान सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक हैं और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए गहन प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का निर्देश दिया और किसानों की आमदनी बढ़ाने की ‘बी वैक्स’ की क्षमता पर प्रकाश डाला। अधिकारियों को वाराणसी में प्राथमिकता से एक पैकेजिंग संस्थान स्थापित करने के लिए कहा गया, ताकि किसानों को अपने उत्पादों का बेहतर मोल मिल सके और उन्हें वाराणसी से ही निर्यात के लिए तैयार करने में समर्थ बनाया जा सके। उन्होंने एपीडा (वाणिज्य मंत्रालय) के साथ मिलकर सब्जियों और आमों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
बैठक में कचरे से धन सृजन पर भी ध्यान देने का निर्देश दिया गया। इसके लिए या तो कचरे का ऊर्जा के रूप में या खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाए, जिसे किसानों द्वारा इस्तेमाल के लिए प्रचारित और प्रोत्साहित किया जाए। इस संबंध में, उन्होंने यह भी कहा कि शून्य बजट खेती के मूर्त और अमूर्त लाभों को उजागर करते हुए उसे किसानों के बीच प्रचारित और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
कोविड महामारी से निपटने की तैयारियों की भी बैठक में विस्तार से समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने टेस्ट, ट्रेसिंग और रोगियों का अच्छा उपचार सुनिश्चित करने में आरोग्य सेतु ऐप के व्यापक और प्रभावी उपयोग पर प्रकाश डाला। भोजन, आश्रय और क्वारंटाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की गई।
उन्होंने निर्देश दिया कि महानगरों से वापस लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों की उपयुक्त स्किल मैपिंग का कार्य प्राथमिकता से किया जाए और उन्हें उनके कौशल के आधार पर लाभकारी रोजगार प्रदान किया जाए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और संकट के समय में राज्य सरकार के नेतृत्व वाली कोविड राहत योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव के बारे में भी प्रतिक्रिया ली गई ।
श्री मोदी ने अन्य बातों के साथ –साथ इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पोषण को आगनवाड़ी केंद्रों के सामुदायिक आंदोलन के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए, बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने और पोषक आहार को बढ़ाने के लिए जहां तक संभव हो महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों को साथ जोड़ा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री द्वारा विभिन्न संगठनों और समुदायों के सदस्यों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों को अपनाना, स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता की व्यवस्था करना और बच्चों के वीनिंग फूड से विविध प्रकार के खाद्य तैयार करने का भी सुझाव दिया गया।
बैठक में वाराणसी के जनप्रतिनिधि राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उत्तर प्रदेश सरकार और विधायक वाराणसी (दक्षिण), नीलकंठ तिवारी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उत्तर प्रदेश सरकार और विधायक, वाराणसी (उत्तर), रवींद्र जायसवाल, विधायक, रोहनिया, सुरेन्द्र नारायण सिंह, विधायक, वाराणसी छावनी, सौरभ श्रीवास्तव, विधायक, सेवापुरी, नील रतन नीलू, विधायक अशोक धवन, विधायक लक्ष्मण आचार्य ने भाग लिया।