नई दिल्ली, एक दो नही देश को 900 आईएएस अफसर देने वाले, शख्स ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ? आखिर उन्होने एेसा क्यों किया यह सवाल सबके दिमाग मे उठ रहा है।
मात्र 45 साल के प्रोफेसर शंकर देवराजन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह चेन्नै के माइलपुर में अपने निवास पर मृत पाये गये। पड़ोसी गुरुवार देर रात शंकर को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।शंकर देवराजन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आत्महत्या से पहले प्रोफेसर शंकर का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं।
प्रोफेसर शंकर देवराजन पूरे देश मे चर्चित शंकर आईएएस अकैडमी के फाउंडर और सीईओ थे। शंकर देवराजन ने 2004 में अन्ना नगर, चेन्नै में शंकर आईएएस अकैडमी की शुरुआत की थी। ये राज्य की पहली अकैडमी थी जिसका लक्ष्य आईएएस और आईपीएस उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना है। अकैडमी की आश्चर्यजनक उपलब्धि रही। शुरूआत से लेकर अब तक उन्होने देश को 900 से ज्यादा सिविल सर्विसेज के अफसर दिए हैं।
प्रोफेसर शंकर देवराजन ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जिनका परिवार खेती पर निर्भर था। उनकी अकैडमी में खासतौर पर पिछड़े समुदायों के लोगों पर खास ध्यान दिया जाता है। ताकि वह भविष्य में अधिक से अधिक संख्या मे सिविल सर्विसेज मे सफलता हासिल कर सकें। उनकी मौत के समाचार से छात्रों और विशेष रूप से दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों के बीच शोक का माहौल है।