मानसून को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, सभी राज्यों के साथ तैयारियों की समीक्षा की
May 21, 2019
नयी दिल्ली , केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गाेबा ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से मानसून से पहले सभी जरूरी तैयारियों को पुख्ता करने पर जोर दिया है।
राजीव गाेबा ने दक्षिण-पश्चिम मानसून की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आज आयोजित राहत आयुक्तों, सचिवों के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि केन्द्र सरकार आपात स्थिति से निपटने के लिए केन्द्रीय बलों की व्यवस्था करने के अलावा राष्ट्रीय आपदा राहत कोषऔर राज्य आपदा राहत कोष के तहत हरसंभव सहायता भी मुहैया कराएगी।
केन्द्र ने पिछले वर्ष आपदा राहत के लिए राज्यों को एसडीआरएफ के तहत 7000 करोड़ रुपये से अधिक और एनडीआरएफ के तहत 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी की थी। उन्होंने शहरी स्थानीय निकायों, राज्य आपदा राहत बल,अग्निशमन सेवा और नागरिक रक्षा की क्षमता बढाने की जरूरत बतायी क्योंकि किसी भी आपदा के दौरान ये सबसे पहले राहत एवं बचाव कार्यों में जुटते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की कवरेज बढ़ाने का भी उन्होंने अनुरोध किया, ताकि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में किसानों को तत्काल राहत दी जा सके। राजीव गाेबा ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा मौसम के सटीक पूर्वानुमान , संसाधनों की समुचित व्यवस्था समय पर करने और केन्द्र, राज्य सरकारों एवं अन्य संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के कारण हाल ही में ओडिशा में आये चक्रवाती तूफान ष्फोनी के दौरान जान-माल की न्यूनतम क्षति हुई।
इसके लिए उन्होंने विभिन्न एजेंसियों की सराहना करते हुए राज्यों से कहा कि उन्हें आपदा जैसी स्थितियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को और ज्यादा बढ़ाना चाहिए।केन्द्रीय गृह सचिव ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आपदाओं के कारण पिछले दो दशकों में विश्व भर में तीन लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ था।
अकेले भारत को वर्ष 1997 से लेकर वर्ष 2017 तक की अवधि के दौरान 80 अरब डॉलर का भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने विभिन्न आपदाओं की आशंका का जिक्र करते हुए कम से कम आर्थिक नुकसान सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक उपाय के तहत आपदाओं की मार सहने में सक्षम बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का निर्माण करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की अतिरिक्त बटालियनों को मंजूरी दी है और ये जम्मू.कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा दिल्ली-एनसीआर में नई बटालियनें तैनात की जा रही हैं।