चेन्नई/तिरुवनंतपुरम/बेंगलुरू, दक्षिण भारत में बाढ़ की स्थिति शनिवार को भी गंभीर बनी रही। केरल और कर्नाटक सबसे अधिक प्रभावित हैं। दोनों राज्यों में अभी तक 83 लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में मृतकों की संख्या शनिवार को बढ़कर 57 हो गई और करीब 1.65 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।
केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘57 लोगों की जान गई है। राज्य में 1318 बाढ़ राहत शिविर संचालित हो रहे हैं। इन शिविरों में 46400 परिवारों के 1,65,519 व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि गत तीन दिनों में आठ जिलों में 80 भूस्खलन हुए हैं। गौरतलब है कि सबसे अधिक 19 लोगों की मौत मलप्पुरम में होने की सूचना है जबकि 14 व्यक्तियों ने कोझीकोड और 10 ने वायनाड में जान गंवाई है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि 198 मकान पूरी तरह से और 2303 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड का कल दौरा करने की उम्मीद है जो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है।
केरल में मलप्पुरम के कावलप्परा और वायनाड के मेप्पाडी स्थित पुथुमाला में भीषण भूस्खलन के बाद कई लोगों के अब भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। राज्य में 1318 बाढ़ राहत शिविर संचालित हो रहे हैं और इन शिविरों में 46400 परिवार हैं। राज्य के आठ जिलों एर्णाकुलम, इडुक्की, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है।
कावलप्परा में बचाव अभियान जारी रहने के बीच शनिवार को वहां फिर से भूस्खलन हुआ जिसके चलते तलाश अभियान को रोक दिया गया है। बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक वायनाड के कलपेट्टा से 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाणासुरसागर बांध से अतिरिक्त पानी को छोड़ने के लिये बांध के चार फाटकों में से एक को खोल दिया गया है। काबिनी नदी के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को सचेत रहने के लिये कहा गया है। बाणासुर सागर बांध काबिनी नदी की सहायक नदी करमानाथोडू पर बना है।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी बांध नहीं भरे हैं। राज्य में प्रमुख बांधों में जल भंडारण की पर्याप्त क्षमता है। अब तक इडुक्की बांध में 30 फीसदी ही पानी भरा है। पिछले साल यह 98 फीसदी हो गया था।’’ केरल में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गयी हैं। कोच्चि हवाई अड्डे के एक अधिकारी के अनुसार विमान परिचालन रविवार पूर्वाह्न से बहाल होगा। कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हवाईअड्डे तैयार हैं। कल दोपहर तक विमान परिचालन बहाल हो जायेगा। अर्थात तय समय से पहले। एयरलाइनों को इसके अनुसार सेवा देने का निर्देश दिया गया है।’’कर्नाटक में वर्षा जनित घटनाओं में अबतक 26 लोगों की मौत हो गयी है।
अधिकतर नदियां उफान पर हैं और मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने इसे पिछले पांच दशकों का सबसे बड़ी ‘‘प्राकृतिक आपदा’’ करार दिया है। राज्य सरकार ने वर्षा और बाढ़ से 6000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है और येदियुरप्पा ने बताया कि उनकी सरकार ने केंद्र से 3000 करोड़ रुपये की राहत मांगी है। अधिकारियों ने कहा कि बारिश जनित घटनाओं में अब तक 26 लोगों की मौत हुई है। कम से कम 2.35 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। 222 मवेशी मारे गये हैं और 44,013 मवेशियों को बचाया गया है।’’ उन्होंने कहा कि सेना, एनडीआरएफ के कर्मी राहत एवं बचाव अभियान चला रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बीच सकलेशपुर और मरनाहल्ली में भूस्खलन की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि दक्षिण कन्नड़ जिले में पूरा पाणे मंगलुरू गांव में नेत्रवती नदी का पानी भर गया है। प्राप्त सूचना के अनुसार जिले में बंटवाल में पूर्व केंद्रीय मंत्री जनार्दन पुजारी समेत कई लोगों के घर जलमग्न हो गये हैं, हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं उनके परिवार को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया है। इस बीच पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में बारिश से बुरी तरह प्रभावित नीलगिरि जिले के अवलांची में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायुसेना को लगाया गया। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि नीलगिरि में करीब 5500 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है जबकि 15000 अन्य को निकाला गया है और वे कहीं और अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं।