काठमांडू, नेपाल मे समाजवादी पार्टी और आरजेपीएन के बीच नये समीकरण से प्रमुख दलों मे हड़कंप मच गया है। नेपाल में ये दोनों प्रमुख मधेसी दल हैं।
समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल (आरजेपीएन) ने चुनाव आयोग को एक संयुक्त आवेदन सौंपकर दोनों दलों का विलय करके नए दल का गठन करने के संबंध में अधिसूचित करने को कहा। प्रतिनिधि सभा में नए दल के सदस्यों की संयुक्त संख्या 34 हो गई है। इसके साथ ही 275 सदस्यीय संसद में यह तीसरी सबसे बड़ी शक्ति हो गया है।
वहीं, नेपाल के प्रमुख दलों ने नए विधेयक पर कड़ा विरोध दर्ज करते हुए सरकार से इसे वापस लेने की अपील की और कहा कि ऐसे समय में जब देश महामारी से जूझ रहा है , नए विधेयक से देश में राजनीतिक अस्थिरता आएगी।
सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक दलों के विभाजन को अनुमति देने वाले विवादास्पद विधेयक को राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की सहमति मिलने के दो दिन बाद इस नयी पार्टी का गठन किया गया है। नया विधेयक प्रभावी होने के साथ ही राजनीतिक दलों के नेता अपने दल का विभाजन कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने के लिए उनके पास केंद्रीय समिति अथवा संसदीय दल में से 40 प्रतिशत का समर्थन हासिल होना चाहिए।