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यूपी में दलित बेटियों की संदिग्ध मौतों पर, समाजवादी पार्टी का सरकार पर बड़ा हमला

लखनऊ ,  समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य सुनील साजन ने उन्नाव में दो किशोरियों की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत की घटना को योगी सरकार की लचर कानून व्यवस्था का परिणाम बताते हुये आशंका व्यक्त की है कि पुलिस हाथरस की तरह इस घटना को दबाने का प्रयास कर सकती है।

श्री साजन ने कहा कि उन्नाव की घटना ने एक बार फिर से मानवता को शर्मसार कर दिया है। अब ये बात साफ हो गई है कि पिछड़े- दलित की बेटियां सुरक्षित नहीं है। उत्तर प्रदेश में जंगलराज है , यहां कोई भी किसी बहू बेटी की इज्जत और अस्मत लूट ले रहा है और पुलिस मूक दर्शक बनी है ।

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उन्होने कहा कि उन्नाव पुलिस पूरे घटनाक्रम को दबाना चाहती हैं। जिस तरह से दो बेटियों की डेड बॉडी को लेकर उन्नाव पुलिस जीप में लाद कर ले गयी, उससे प्रदेश की कानून व्यवस्था की हालत अपने आप साफ हो जा रही है।

सपा नेता ने कहा कि किशोरियों की मौत का पता लगाने के लिये अलग पैनल बनाकर पोस्टमार्टम होना चाहिए और अलग टीम से पूरे मामले की जांच करवाई जाए।

दरअसल, उन्नाव जिले के असोहा क्षेत्र में दलित बिरादरी की तीन किशोरियों के बंधक की हालत में मिलने से सनसनी फैल गयी। परिजनों के सीएचसी लेकर पहुंचने पर इनमे से दो को मृत घोषित कर दिया गया जबकि एक को जिला अस्पताल रिफर कर दिया गया। जहां से प्रारंभिक इलाज के बाद उसे कानपुर रिफर कर दिया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि बुधवार शाम बबुरहा गांव के बाहर एक ही परिवार की कोमल (15) पुत्री संतोष पासी तथा काजल (14) पुत्री सूर्यपाल पासी और रोशनी (16) पुत्री स्व सूरज बली घर से जानवरों का चारा लेने गई थी। देर शाम तक वापस न आने पर परिजनों की खोजबीन की। गांव के बाहर एक किलोमीटर की दूरी पर तीनों गंभीर अवस्था मे दुपट्टे से बंधी खेत में पड़ी मिली। घटना की सूचना से गांव में हड़कंप मच गया।