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समझौता एक्सप्रेस ट्रेन धमाके में, मुख्य आरोपी असीमानंद समेत सभी चारों आरोपी बरी

नई दिल्ली,  समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने मुख्य आरोपी असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को बरी कर दिया है।  इस ब्लास्ट में 68 लोग मारे गए थे।

हरियाणा के पंचकूला स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी की स्पेशल कोर्ट ने 2007 के समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में असीमानंद, कमल चौहान, राजिंदर चौधरी और लोकेश शर्मा को बरी किया गया है।

18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत में दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में धमाका हुआ था। चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक यह ब्लास्ट हुआ था। विस्फोट में 67 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक घायल की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई थी। 23 लोगों के शवों की शिनाख्त नहीं हुई थी। सभी शवों को पानीपत के गांव महराना के कब्रिस्तान में दफना दिया गया था।

19 फरवरी 2007 को दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, रात 11.53 बजे दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में बम धमाका हुआ। धमाके के चलते ट्रेन की दो सामान्य बोगियों में आग लग गई थी।   

चश्मदीदों के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने दो संदिग्धों के स्केच जारी किए थे। उनकी जानकारी देने पर एक लाख रुपये के इनाम का भी ऐलान हुआ था। पुलिस ने विस्फोट स्थल से दो सूटकेस बम बरामद किए थे।  सूटकेस कवर के जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में कामयाब रही। जांच में सामने आया कि ये कवर इंदौर के एक बाजार से ब्लास्ट के कुछ दिन पहले खरीदे गए थे।

हरियाणा सरकार ने बाद में मामले की जांच के लिए एक एसआईटी बनाई। धमाके के एक महीने बाद 15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को अरेस्ट किया।