नयी दिल्ली, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने फीस वृद्धि के विवाद को देखते हुए अनुसूचित जाति , जनजाति के छात्रों के लिए परीक्षा की फीस 50 रुपये ही रहने दिया है लेकिन सामान्य वर्ग के छात्रों में वृद्धि वापस नही ली है।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक ने आज दिल्ली सरकार को लिखे गए पत्र में यह जानकारी दी । सीबीएसई ने फीस बढ़ोतरी की अंतर राशि राज्यों से वसूलने के निर्णय लिया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर सीबीएसई ने अनुसूचित जाति एवम जनजाति के छात्रों की फीस पहले की तरह 50 रुपये ही रहने दिया लेकिन सामान्य वर्ग के छात्रों में वृद्धि वापस नही ली है।
फीस बढ़ोतरी विवाद को देखते हुए सीबीएसई ने यह कदम उठाया लेकिन एसएसी एसटी वर्ग के छात्रों के लिए बढ़ी हुई फीस की अंतर राशि राज्यों से वसूलने का फैसला किया है। पत्र में कहा गया है कि दसवीं और बारहवीं की परीक्षा के लिए एससी एएसटी के छात्रों की फीस 50 रुपये ही रहेगी लेकिन फीस की बढ़ी हुई राशि और मौज़ूदा फीस के अंतर को राज्य सरकारों को बोर्ड को देना होगा।
गौरतलब है कि इस वृद्धि से पिछले दिनों से जबरदस्त विवाद खड़ा हो गया। कांग्रेस और वाम दलों ने इसकी तीखी आलोचना की है और इसके चलते सीबीएसई को स्पष्टीकरण भी जारी करना पड़ा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर सीबीएसई को यह कदम उठाना पड़ा है।