केंद्र सरकार के एटर्नी जनरल के0 के0 वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और पुनर्विचार याचिका की त्वरित सुनवाई का आग्रह किया। पीठ ने सुनवाई के लिए चार मई को अपराह्न दो बजे का समय निर्धारित किया है।
केंद्र सरकार ने एससी-एसटी कानून का कथित दुरुपयोग रोकने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा 20 मार्च को दिये गये आदेश की समीक्षा के लिए याचिका दायर की है। पीठ ने गत 20 मार्च को जारी आदेश में गिरफ्तारी से पहले मंजूर होने वाली जमानत में रुकावट को भी खत्म कर दिया था। ऐसे में अब दुर्भावना के तहत दर्ज कराये गये मामलों में अग्रिम जमानत भी मंजूर हो सकेगी।
उच्चतम न्यायालय के दिये गये आदेश के अनुसार, एससी-एसटी अधिनियम का दुरुपयोग हो रहा है। नये दिशानिर्देश के तहत किसी भी सरकारी अधिकारी पर मुकदमा दर्ज करने से पहले पुलिस उपाधीक्षक स्तर का अधिकारी प्रारंभिक जांच करेगा। किसी सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी से पहले उसके उच्चाधिकारी से अनुमति जरूरी होगी। महाराष्ट्र की एक याचिका पर न्यायालय ने यह अहम फैसला सुनाया है।