हमीरपुर, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में पुरानी रंजिश के चलते 25 साल पहले दो पक्षों में वर्चस्व को लेकर हुई गोलीबारी में क्षेत्राधिकारी के चालक समेत दो की हत्या के मामले में अदालत ने तीन सगे भाइयों समेत छह अभियुक्ताें को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 17 जनवरी 1995 को दिन के चार बजे मौदहा क्षेत्र के कम्हरिया गांव निवासी अमीर मोहम्मद उर्फ लल्लू बड़ा चौराहा मौदहा में बेटे जमीर मोहम्मद के साथ पहुंचा। वह अपनी जीप बनवा कर मौदहा कस्बे से अपने गांव लौट रहा था। जीप अमीर चला रहा था और बगल की सीट में उसका बेटा जमीर मोहम्मद, कदीर मोहम्मद पीछे की सीट में रसीद मोहम्मद, निवासी कम्हरिया व तबर्ररुक अली निवासी मांचा बैठा था। जैसे ही जीप नीजामी चौराहा मौदहा पहुंची तभी सामने व दाएं बाएं से गांव के ही वशीर अहमद के बेटे रजीउद्दीन, सईदउद्दीन, कलंदर, रईशुद्दीन उर्फ रजा, कुतुबुद्दीन, सरीफुद्दीन, नसीम, अलीम तथा बुद्धु उर्फ लईक अहमद ने असलहों से लैस होकर उन्हें घेर लिया। इनके बीच खेत के रुपयों के लेनदेन को लेकर रंजिश थी। सभी ने मिलकर एक साथ हमला बोल फायरिंग शुरू कर दी।
हमले में अमीर मोहम्मद, जमीर व देवी सिंह को गोली लगी और वह घायल हो
गए। वहीं पास में अपनी सरकारी गाड़ी ठीक करवा रहे तत्कालीन मौदहा सीओ के
चालक अमर सिंह व एक आटो रिक्शा चालक पप्पू की गोली लगने से मौत हो गई।
वही घायल वादी अपने बेटे के साथ किसी तरह जान बचाकर मौके से भाग गया।
उसने घटना की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई।
विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ल ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के बाद छह आरोपितों में शामिल तीन सगे भाइयों रईसुद्दीन, कुतुबुद्दीन, कलंदर के अलावा शरीफुद्दीन, नसीमुद्दीन तथा अलीमुद्दीन को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास तथा 26-26 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इस मामले की तीन आरोपियों रजीउद्दीन, सईउद्दीनव तथा बुद्धु की मुकदमे के दौरान मौत हो चुकी है।