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लखनऊ में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार

arestलखनऊ,  उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएप) ने राजधानी लखनऊ में गोमतीनगर क्षेत्र के विपुलखण्ड से नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

एसटीएफ सूत्रों ने गुरूवार को यहां बताया कि एसटीएफ लखनऊ की टीम में बुधवार रात को गोमती नगर क्षेत्र के विपुलखण्ड से बेरोजगार युवक /युवतियों को विभिन्न सरकारी विभागों मे संविदा पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने बताया कि ठगी करने वाले गिरोह के सदस्या बेरोजगार युवक/युवतियों को विभिन्न सरकारी विभागों में पद व विभाग के अनुसार एक लाख से 15 लाख तक लेकर संविदा पर नौकरी दिलाने का झाॅसा देकर ठगी करते थे। एसटीएफ ने इस मामले में लखनऊ के तालकटाेरा निवासी सिद्धनाथ शाह तथाविकास प्रसाद उर्फ रोमी, पीजीआई क्षेत्र के अवध बिहार कालोनी निवासी धीरज कुमार मिश्रा, चिनहट क्षेत्र निवासी जितेन्द्र कुमार सिंह, कृष्णानगर निवासी दूधनाथ कुशवाहा तथा विनीत खण्ड निवासी राकेश कुमार त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है। उनके पास से एक लैपटाप, नौ मोबाइल, पांच एटीएम कार्ड, एक निर्वाचन कार्ड, दो पैनकार्ड, 45 सीवी, बेरोजगार युवक/युवतियों के, दो कार तथा नगदी बरामद की गयी।

उन्होंने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार गैंग के सरगना सिद्धनाथ शाह ने बताया कि हम लोगों का एक संगठित गिरोह है। हम लोग बेरोजगार युवक/युवतियों को विभिन्न सरकारी विभागों मे संविदा पर पद के अनुसार एक लाख रूपये से 15 लाख रूपये लेकर नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी कर रहे है।

इस काम में बेरोजगार युवक/युवतियों को समझा-बुझाकर रूपया देने के लिए राजी करने का काम मेरे साथ रोमी करता है। इसके बाद धीरज कुमार मिश्रा, जितेन्द्र कुमार व दूधनाथ कुशवाहा के साथ मिलकर राकेश कुमार त्रिपाठी डायरेक्टर बीएसएन इन्फोटेक कम्पनी जो आउट सोर्सिग का काम करती है, से मीटिंग कराकर बेरोजगार युवक/युवतियों को विभिन्न सरकारी विभागों मे संविदा पर नौकरी दिलाने का विश्वास दिलाकर उनसे चतुर्थ श्रेणी के लिए 50 हजार से एक लाख, लिपिक संवर्ग/कम्प्युटर आपरेटर के लिए रूपया दो लाख से तीन लाख, सचिवालय मे समीक्षा अधिकारी के लिए रूपया पन्द्रह लाख मे बात करते है व टोकन मनी के रूप मे कुछ रूपया व उनके दस्तावेजों की एक प्रति लेकर एक आवेदन पत्र भेजकर भरवाते है।

इसके बाद उनका एक फर्जी इंटरव्यू संतोष सिंह, संचालक, बस्ती सिक्योरिटी, राजीव पटेल संचालक गोरखा इन्फोटेक कम्पनी व राकेश कुमार त्रिपाठी डायरेक्टर बीएसएन इन्फोटेक कम्पनी में कराते हैं। इसके कुछ दिन बाद आवेदकों को कूटरचित नियुक्ति पत्र दे देते है। ठगी से प्राप्त रूपया हम लोग आपस मे मिलकर बांट लेते हैं। जब बेरोजगार युवक/युवती नौकरी ज्वाइन करने पंहुचते है तो उनको वहां ज्वाइनिंग नही मिलती है। इस कारण वो अपना रूपया वापस मांगते हैं तो हम लोग उनको कुछ दिन मे नौकरी मिलने की बात कह कर टालते रहते है। यदि कोई आवेदक बार बार रूपया वापस मांगता है तो हम लोग उनको डरा धमका कर भगा देते हैं।