इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सोनिया गांधी ने अहम बयान देते हुए कहा कि मुझे स्वाभाविक तौर पर भाषण देना नहीं आता, इसलिए सभी मुझे नेता नहीं बल्कि भाषण पढ़ने वाला कहते थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र मतभेद और चर्चा को अनुमति देता है, एकालाप को नहीं।
सोनिया ने कहा कि मुझे मालूम था कि मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर होंगे क्योंकि मुझे अपनी सीमाओं का ज्ञान था। इसलिए हमने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को संगठन के स्तर पर लोगों से जुड़ने का नया तरीका विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने राहुल गांधी की क्षमताओं में भरोसा भी जताया।