सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी का फैलाव को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिन के लॉक डाइन को बिना तैयारी के लिया गया निर्णय करार देते हुए कहा है कि सरकार ने दूरदृष्टि का परिचय नहीं दिया जिसके कारण लाखों कामगार बेकार होकर बाल बच्चों के साथ सड़को पर उतर आए और पैदल ही अपने घरों को पलायन करने लगे।
श्रीमती गांधी ने आज पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि लॉकडाउन के करण लाखो लोगो का हुजूम इस तरह से सड़कों पर उतरना हृदय विदारक दृश्य है। उन्होंने छोटे छोटे बच्चों के साथ भूखे प्यासे पैदल अपने घरों को निकलने वाले लोगो की मदद के लिए आगे आने वाले लोगो को बधाई दी है।
उन्होंने कहा कि देश मे 90 फीसदी कामगार असंगठित क्षेत्र में काम करते है जिनमे, किसान, खेतिहर मजदूर, छोटे छोटे उद्योगो, व्यावसायिक केंद्रों और दुकानों में काम करने वाले लोग शामिल है।
लॉकडाउन की घोषणा से पहले इन वर्गों के लोगो की हिफाज़त के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाने की अवयश्यकता थी लेकिन सरकार ने उनकी परवाह किये बिना पूरे देश मे लॉकडाउन लागू कर दिया।
श्रीमती गांधी ने कांग्रेस सरकारों, पार्टी के सभी प्रमुख संगठनों तथा कार्यकर्ताओं का कोविड-19 महामारी को हराने के लिए मिलकर काम करने का आव्हान किया और कहा कि किसी महामारी के लिए देश, राज्य, विचारधारा, राजनीतिक दल, लिंग, जाति या उम्र का भेद नही होता है। इसका हमारे भविष्य पर बुरा असर होता है इसलिए सबको मिलकर इस महामारी को हराना है।