सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ मंत्रियों के कामकाज से नाखुश हैं। इसलिये उनकी छुट्टी कर उन्हें संगठन में भेजा जा सकता है। साथ हीं उम्रदराज मंत्रियों को भी दूसरी जिम्मेदारी दी जा सकती है। पिछले साल 19 अगस्त को मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल को मंत्रिमंडल से हटा दिया था।
वहीं, माना जा रहा है कि योगी मंत्रिमंडल में दलितों और पिछड़ों को प्रमुख रूप से जगह दी जानी है। गठबंधन के अपना दल से आशीष पटेल मंत्री बनाये जा सकतें हैं। वहीं, अयोध्या के रूदौली से विधायक रामचंद्र यादव के भी मंत्रिमंडल मे शामिल किये जाने की चर्चा है।
सरकार में मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के बाद मंत्रिमंडल में महिलाओं की तादाद भी कम हो गई है। इसलिये किसी एक महिला को मंत्री बनाया जा सकता है।प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान का कोरोना के चलते निधन हो गया था। उपचुनाव में उनकी पत्नी संगीता चौहान को जीत हासिल हुई है। वहीं बुलंदशहर में दिवंगत विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही भी उपचुनाव जीत गईं हैं। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों में से किसी एक को मंत्री पद दिया जा सकता है।
इसके अलावा उपचुनाव में उन्नाव के बांगरमऊ से श्रीकांत कटियार, कानपुर के घाटमपुर से उपेंद्रनाथ पासवान, देवरिया के देवरिया सदर से डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी और फिरोजाबाद के टूंडला से प्रेमपाल धनगर ने जीत दर्ज की है। इनमें से भी किसी को मंत्रिमंडल में जगह मिलने के आसार हैं।
.