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स्पार्क मिंडा और दिल्ली पुलिस ने कारोबारियों पर छापा मारकर नकली प्रॉडक्ट्स किए बरामद

नई दिल्ली, मिडा कॉरपोरेशन्स की जानकारी में यह आया है कि कुछ निर्माता मिंडा ब्रैंड के नकली प्रॉडक्ट्स बनाकर उसे उसी नाम से मार्केट में बेचकर कंपनी के नाम का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। 25 जनवरी को जालसाजों पर लगाम लगाने की पहल के तहत फर्म ने माननीय दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त स्थानीय कमिश्नर की मदद से एक ऐसे ही जाली प्रॉडक्ट्स के निर्माता की फैक्ट्री पर छापा मारा। फैक्ट्री से स्पार्क मिंडा और मिंडा ब्रैंड के कई प्रॉडक्ट्स बड़ी मात्रा में बरामद किए गए। इन प्रॉडक्ट्स में बड़ी मात्रा में लुब्रिकेंट ऑयल जब्त किया गया। छापे में कंपनी के प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज से संबंधित दस हजार यूनिट से ज्यादा मीडिया मार्केटिंग मटीरियल, 3500 यूनिट से ज्यादा प्रॉडक्ट पैकेजिंग मटीरियल और मिंडा की ऑटो बैच कोड मशीन भी बरामद की गई।

स्पार्क मिंडा के अधिकारियों और दिल्ली पुलिस ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली के भोरगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया पर छापा मारा था। इस छापे में 10 लाख रुपये मूल्य के कंपनी के नकली प्रॉडक्ट्स फैक्ट्री के बेसमेंट से बरामद किए गए। दिल्ली पुलिस ने पूरे प्रांगण को सील कर दिया है।

कई दशकों से स्पार्क मिंडा अपने उपभोक्ताओं को हाईक्वॉलिटी प्रॉडक्ट्स प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। फर्म की ब्रैंड वैल्यू को नुकसान पहुंचाने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फर्म ब्रैंड के नकली प्रॉडक्ट्स के निर्माण में जुटे निर्माताओं और व्यापारियों का पर्दाफाश करने और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

स्पार्क मिंडा में सीईओ (ऑफ्टर मार्केट डिविजन) श्री नीरज शरण ने कहा, “इंडस्ट्रीज के विभिन्न क्षेत्रों में गैरकानूनी ढंग से नकली प्रॉडक्ट्स का निर्माण गंभीर समस्या बनता जा रहा है। नकली प्रॉडक्ट्स का निर्माण करने वाले इन जालसाजों की इस समस्या को सामूहिक रूप से सुलझाने की जरूरत है। अपने संसाधनों से हमने यह पता लगाया कि कई फ्रॉड कंपनियां गैरकानूनी तरीके से जाली प्रॉडक्ट्स का निर्माण कर रही है। कंपनी ने अपने ब्रैंड स्पार्क मिंडा के नकली प्रॉडक्ट्स बनाने वाली जालसाज फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फैसला किया है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि मार्केट में कंपनी के ब्रैंड नेम से बिकने वाले सभी नकली प्रॉडक्ट्स का पूरी तरह सफाया हो जाए।“

मार्केट में कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाली इन गतिविधियों को उजागर करने और इन जालसाजों को पकड़ने के लिए स्पार्क मिंडा को फास्ट ट्रैक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। इन्हीं कोशिशों के एक हिस्से के रूप में कोर्ट ने कई पक्षों पर किसी भी रूप में मिंडा, स्पार्क मिंडा और दूसरे संबंधित ब्रैंड नेम के प्रयोग पर रोक लगा दी। इन कंपनियों में मिंडा ऑयल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सीएलजी ऑयल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स श्री कृष्णा ऑयल कंपनी शामिल है। इसी के साथ कोर्ट ने अन्य कंपनियों के लिए www.sparkmindalube.com और ऐसे किसी भी दूसरे डोमेन नेम के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. जिसका कोई भी प्रतीक या पहचान मिंडा के ब्रैंड लेवल या उसके प्रॉडक्ट्स से मेल खाती है।

स्पार्क मिंडा के बारे में
छह से अधिक दशकों से स्पार्क मिंडा समूह (पहले मिंडा ग्रुप) ने ग्लोबल ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में अपनी मौजदूगी प्रमुख रूप से दर्ज कराई है। यह ओईएम (वास्तविक उपकरण निर्माता समूह) के लिए आटोमोबाइल के पाटर्स बनाने वाली प्रमुख कंपनी है। 507 मिलियन अमेरिकी डॉलर के इस ग्रुप में 16 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है। यह देश में प्रमुख यात्री वाहनों, कमर्शियल वाहनों, मोटरसाइकिल-स्कूटर और ऑफ रोड वीइकल्स के प्रथम श्रेणी में आने वाले निर्माता हैं। कंपनी की मौजूदगी इंडोनेशिया, वियतनाम, उजबेगिस्तान और अमेरिका और जापान में भी है। कंपनी के पास करीब 450 डीलर्स की मजबूत डिस्ट्रिब्यूटरशिप है, जिससे कंपनी ऑफ्टर मार्केट सेग्मेंट की जरूरतों को भी पूरा करती है।