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लाॅकडाउन मे फंसे लोगों को उनके गृहनगर तक पहुंचाने के लिए चलेंगी स्पेशल ट्रेनें

नयी दिल्ली , श्रमिक दिवस के मौके पर सरकार ने लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न भागों में फंसे मजदूरों एवं छोटे कामगारों, पर्यटकों, विद्यार्थियों एवं अन्य व्यक्तियों को उनके गृहनगर तक पहुंचाने के लिए उद्देश्य से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है जिसके तहत आज शाम छह गाड़ियां चलायीं जा रहीं है।

रेल मंत्रालय में सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक राजेश दत्त बाजपेई ने यहां संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकारों के अनुरोध पर ये स्पेशल ट्रेनें एक स्थान से दूसरे स्थान तक सीधे चलायीं जाएंगी और यात्रियों को पहुंचाने के लिए मानक प्रोटोकॉल का अनुपालन किया जाएगा। रेलवे एवं राज्य सरकारें श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के सुचारु रूप से परिचालन एवं समन्वय के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगी।

श्री बाजपेई ने बताया कि आज श्रमिक दिवस पर रात्रि में छह गाड़ियां -लिंगमपल्ली से हटिया, अलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से लखनऊ, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया तक चलायीं जाएंगी।

उन्होंने बताया कि इन ट्रेनों में यात्रा के लिए यात्रियों को कोई टिकट नहीं लेना पड़ेगा। चूंकि ये नियमित ट्रेनें नहीं हैं और इन्हें राज्यों के अनुरोध पर चलाया जा रहा है इसलिये रेलवे ने काेई टिकट बुक नहीं करेगी।

श्री बाजपेई ने बताया कि यात्री जिस राज्य से सवार होंगे, उस राज्य की सरकारें यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य सावधानियों का पालन करते हुए सेनिटाइज़्ड बसों में एक एक बैच के रूप में लाएंगी और फिर स्टेशन पर ट्रेन में बिठाने से पहले यात्रियों की जांच की जाएगी और जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हाेंगे उन्हें ही यात्रा करने की अनुमति होगी। गंतव्य वाले राज्यों में ये ट्रेनें यदि अलग अलग स्टेशनों पर रुकेंगी तो उन अलग अलग स्टेशनों के लिए निर्धारित कोच होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक यात्री के लिए फेस कवर पहनना अनिवार्य होगा। भोजन एवं पानी गाड़ी छूटने वाले स्टेशन की राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। लंबी दूरी वाली गाड़ियों में रेलवे भोजन उपलब्ध करायेगी। रेलवे का प्रयास होगा कि ये यात्री सोशल डिस्टेंसिंग एवं स्वच्छता का पालन करते हुए यात्रा करें।

श्री बाजपेई ने बताया कि गंतव्य पर पहुंचने पर यात्रियों की पुन: राज्य सरकार जांच करायेगी। यदि ज़रूरी हुआ तो उनको क्वारेंटाइन किया जाएगा और यदि जरूरत नहीं हुई तो उनके आगे की यात्रा की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस आपदकाल में रेलवे के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने देशवासियों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसमें सभी का सहयोग एवं समर्थन अपेक्षित है।