नई दिल्ली, सैकड़ों लोगों को दक्षिणी दिल्ली स्थित छतरपुर के अध्यात्मिक केंद्र मे डा राजेंद्र जैन ने स्वर विज्ञान के अध्यात्मिक चमत्कारों से अवगत कराया।उनका कहना है कि दुनिया के सारे ज्ञान बुध्दि के बल पर चलते हैं, यह एक मात्र ऐसा ज्ञान है जो बुध्दि से ग्रहण करके आत्मा के द्वारा संचालित होता है, यह आत्मा कि आवाज़ है, जो व्यक्ति इसे समझ लेते हैं वह अपने जीवन को स्वर्णिम जीवन बना सकते हैं।
मुख्य वक्ता स्वर ज्ञान के ज्ञाता डा राजेंद्र जैन ने अपने वक्तव्य मे बताया कि सभी के अंदर ही एक ब्रह्मांड है जिसमे आकूत् क्षमताएं भारी पड़ी है। विश्व के अनेक महापुरुषों ने इसका लाभ उठाया है,उन्होंने बताया कि यूनान के दर्शनिक प्लेटो,जापान हकुइन जोशी,इशा मसीह, आइस्टीन इन सभी का नाम भी इसी श्रंखला मे सम्मिलित होता है।हमारें शरीर मे 72 हजार नाडिया है,जिसमें 3 प्रधान नाड़ियों के अलग अलग कार्य होते हैं।स्वर से शिक्षा,व्यापार,यश कीर्ति,स्वास्थ्य,संतान सुख,धन दौलत,राज्य सुख,कर्ज से मुक्ति,कोर्ट कचेरी से छूट्टी,आदि असम्भव कार्य को भी सम्भव किया जा सकता है।
डा जैन ने दिनचर्या के कुछ सूत्र भी बताएं है जिससे स्वांस तंत्र को सफल बनाकर भाग्य का उदय किया जा सकता है। किस समय, किस तरह अपनी स्वांस प्रकिया,ओर हमारे शरीर् के नाड़ी तंत्रो के अलग अलग् कार्यो का एक साथ प्रवाह हो तो जिसे सुषमा नाड़ी कहते हैं,नाड़ियों के अलग अलग कार्य होते है।स्वर साधना हमे अपनी दिनचार्य को बदलने के संकेत देतें हैं।
डा राजेंद्र जैन ने प्रत्येक बीमारी का इलाज स्वर के द्वारा सम्भव है ऐसा बताया है,अभी तक लाखो लोग जो अनेक बीमारियों से पीड़ित थे, उनका इलाज कर चुके हैं। उन्होंने बताया बिगड़ें काम बने है,कोई बिगड़ी सम्पदा,परीक्षा मे सफलता,चोरी गई वस्तुओ कि प्राप्ति हुइ है वही, उड़ते हवाई जहाज को दुबारा बुलाया है।इस किर्या से जीवन का भविष्य भी उज्जवल बनाया गया है।
कार्यक्रम कि संचालिका समाजसेविका अर्चना जैन, आनंद प्रकाश जैन एन्ड फैमली चेरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली,ने बताया कि हमको ज्यादा समय नहीं हुआ लेकिन अलग तरह की सोच,पद्धति, स्वर साधना,आध्यात्मक शैली से परिचय और सभी समस्याओं से मुक्ति मिली है।
उन्होंने बताया की हम पूरे परिवार के साथ इनके बताएं नियमों का पालन कर रहे है, आज जीवन मे रचनात्मक बदलाव आये है।हम आगे भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम चलाते रहेंगे।
रिपोर्टर-आभा यादव