लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पशुपालन विभाग में फर्जी टेण्डर के माध्यम से धोखाधड़ी कर 9 करोड़ 72 लाख की ठगी मामले में दो और अभियुक्तों को गोमतीनगर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग में फर्जी टेंडर के माध्यम से धोखाधड़ी कर 09 करोड़ 72 लाख की ठगी एवं जालसाजी करने वाले गिरोह के सदस्यों के खिलाफ हजरतगंज लखनऊ में दर्ज मामले में वांछित दो अभियुक्तों को गोरखपुर के कस्बा संग्रामपुर निवासी त्रिपुरेश पाण्डेय उर्फ रिन्कूू और लखनऊ के विभूतिखण्ड निवासी सचिन वर्मा को गुरुवार रात गोमतीनगर से गिरफ्तार किया गया।
पकड़े गये जालसालों के कब्जे से धोखधड़ी में प्रयुक्त बैंक खाते की चेक बुक, आर के ट्रेडर्स पत्रकारपुरम का लेटर पैड, दोमोबाइल फोन और 2600 रुपये की नकदी बरामद की।
उन्होंने बताया कि एसटीएफ को कल रात सूचना मिली थी कि वांछित अभियुक्त त्रिपुरेश पाण्डेय व सचिन वर्मा द्वारा आपस में ग्वारी चौराहे पर मुलाकात करने वाले है। इस सूचना पर एसटीएफ के निरीक्षक ज्ञानेन्द्र कुमार राय के नेतृत्व में टीम इस मुकदमें के सह विवेचक को साथ लेकर मुखबिर के बताये गये स्थान पर पहुँच दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया ।
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त सचिन वर्मा ने बताया कि उसका परिचय कई वर्षो से मुख्य अभियुक्त आशीष राय से है। दोनों विभव खण्ड क्षेत्र में रहते है। इसी तरह के एक मामले में आशीष राय ने वर्ष 2018 में उसे बताया था कि धोखाधड़ी की लम्बी रकम मंगानी है इसके लिए किसी की रजिस्टर्ड फर्म और उसका बैंक खाता हो तो हम लोग उक्त रकम को निकलवाकर आपस में बांट लें।
उसने बताया कि आशीष राय की योजना पर इसने अपने पूर्व परिचित गोरखपुर निवासी त्रिपुरेश पाण्डेय उर्फ रिंकू उपरोक्त को बुलाकर अपनी निजी दुकान एस एन ज्वेलर्स गोमती प्लाजा, पत्रकारपुरम के उपर के कमरे को त्रिपुरेश पाण्डेय को किराये पर देते हुए उसके नाम से अपने परिचित सी ए जितेन्द्र पटेल की सहायता से आर के ट्रेडर्स नामक फर्म (प्रोपराईटर त्रिपुरेश पाण्डेय) रजिस्टर्ड कराया तथा आर के ट्रेडर्स का एक बैंक खाता इलाहाबाद बैंक विवेकखण्ड शाखा में स्वयं इन्ट्रोड्यूस कराकर खुलवाया तथा पूर्व योजना के तहत मुख्य अभियुक्त आशीष राय ने आर0 के0 टेªडस के इसी बैंक खाते में वर्ष-2018 में 26 सितम्बर, 06 व 16 अक्टूबर को कुल 72 लाख 12 हजार रूपये वादी मुकदमा मन्जीत सिंह भाटिया के फर्म के खाते से धोखधड़ी कर कुल आरटीजीएस/नेफ्ट के जरिये जमा कराये थे।
सचिन ने बताया कि उसने और त्रिपुरेश ने मिलकर धारक चेक व बैंक खाते में ट्रान्सफर कर निकालकर अपना हिस्सा रखकर शेष लगभग 80 प्रतिशत धनराशि आशीष राय को दे दी थी। उसमे से आर0 के0 ट्रेडर्स के खाते से 13 लाख रूपये मैंने अपनी फर्म नारायण ज्वेलर्स के खाते में ट्रान्सफर कराकर निकाल लिया था। मुख्य अभियुक्त आशीष राय 14 जून को गिरफ्तार किया जा चुका है। उसे मैने वर्ष 2014 में अपने नाम की विनयखण्ड के पते पर खरीदी हुई टाटा सफारी स्टार्म गाड़ी खरीदकर दिया था। आशीष व उसका आपस में काफी लम्बे समय से इस तरह की कमाई का सम्बन्ध है।
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों को हजरतंगज कोतवाली में पंजीकृत मुकदमें में दाखिल करा दिया गया है। दोनों अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। इस मामले में एसटीएफ अब तक कुल नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी है।