न्यायपालिका में भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले न्यायमूर्ति को मिला, ये पुरस्कार
October 17, 2019
नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने न्यायपालिका में कथित भ्रष्टाचार के बारे में हाल ही में कठोर टिप्पणियों की वजह से विवादों का केन्द्र बने पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राकेश कुमार का आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में तबादला करने की सिफारिश की है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली कोलेजियम की 15 अक्टूबर को हुयी बैठक में मुख्य न्यायाधीश साही और न्यायमूर्ति कुमार का तबादला करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया।
न्यायमूर्ति कुमार ने न्यायपालिका में कथित भ्रष्टाचार को लेकर तीखी टिप्पणियां की थीं और सीबीआई जांच का आदेश दिया था। उन्होंने एक पूर्व आईएएस अधिकारी को जमानत दिये जाने के मामले में पटना के जिला न्यायाधीश को भी जांच करने का आदेश दिया था।
इस पूर्व आईएएस अधिकारी को न्यायमूर्ति कुमार ने पिछले साल भ्रष्टाचार के मामले में अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था लेकिन निचली अदालत ने उसे नियमित जमानत दे दी थी।
न्यायमूर्ति कुमार ने अपने 28 अगस्त के आदेश की प्रतियां प्रधान न्यायाधीश, शीर्ष अदालत की कॉलेजियम, कानून मंत्रालय और प्रधान मंत्री कार्यालय को भेजने का भी निर्देश दिया था।
बाद में, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए पी साही की अध्यक्षता में न्यायाधीशों की पूर्ण पीठ ने न्यायमूर्ति कुमार के आदेश को न्यायिक और प्रशासनिक दायरे से बाहर करार दिया था।
न्यायमूर्ति कुमार को उच्च न्यायालय के प्रशासन ने न्यायिक कार्य से वंचित कर दिया था लेकिन एक दिन बाद ही उनके न्यायिक कार्य बहाल कर दिये गये थे।
कोलेजियम ने इसके साथ ही पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए पी साही को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की है।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर एक बयान में यह जानकारी दी गयी।