सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ने देश में बुनियादी समस्याओं को लेकर उठाया ये सवाल
October 19, 2019
इटावा, उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी0 गोपाल गौड़ा ने को कहा कि सांस्कृतिक विविधताओं से भरपूर होने के बावजूद आजादी के 72 साल बाद भी देश में बुनियादी समस्याओं की पूर्ति की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं ।
जस्टिस गौडा ने आल इंडिया लायर्स यूनियन के 13वें राज्य सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि
बाबा साहब अंबेडकर ने जो संविधान बनाया थाए उसमें धर्म निरपेक्षता के साथ ही सांस्कृतिक विविधता के साथ ही सबके लिये समान कानून की बात कही गई थी। इसके अलावा देश वासियों को समान रूप से बुनियादी अधिकार दिये गये थे।
यह खेद का विषय है कि आजादी के इतने लंबे अंतराल के बाद भी देश में बुनियादी समस्याओं की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जिसका पांच हजार साल पुराना अपना शानदार इतिहास रहा है और आज विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आवादी वाला देश है। यहां पर सामाजिक एकता और भाई चारे के साथ ही विकास की जो गति होनी चाहिये थी वह नही दिखती। सरकार में आने वाले लोग अपने तरह से खुद के फायदे के लिये काम करते हैं यह बेहद चिंता जनक है।
जस्टिस गौड़ा ने कहा कि जहां तक विधायिका और कार्यपालिका के बाद न्याय पालिका की बात है तो आज हम यह दावे के साथ कह सकते हैं कि देश की न्यायिक प्रणाली अपने दायित्व के प्रति पूरी तरह से सजग है और यहां पर देश के संविधान के हिसाब से काम होता है। हमारे संविधान ने अदालतों को संविधान की सुरक्षा का दायित्व दिया है और जब अदालतों को लगता है कि संविधान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है तो कई मामलों में बेहद सख्त निर्णय लिये जाते हैं।
लायर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री बृजवीर सिंह ने आरोप लगाया कि मौजूदा समय में देश के संविधान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जबकि पीडि़त जनता न्यायपालिका की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है। इसका मकसद यह है कि कार्यपालिका के अफसर संविधान की मूल भावना से खिलबाड़ करके जनता के साथ इंसाफ के बजाय उसके हकों पर डांका डालने का काम कर रहे हैं।