आज का दौर जनचेतना का दौर है। लोग गुलामी की जंजीरों से बाहर निकलकर आजादी की सांस लेना चाहते हैं। समाज अपने आप को प्रगतिशील समाज बनाने में लगा हुआ है लेकिन शोषक वर्ग को यह बात कतई मंजूर नहीं है कि शोषित समाज स्वतंत्र हो सके। यही वजह है …
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