लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने नोएडा इण्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, जेवर के विस्तारीकरण के लिए भूमि की व्यवस्था समेत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए है।
श्री योगी की अध्यक्षता में कल रात हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के फेज-1/फेज-2 के लिए 1185.6914 हेक्टेयर निजी भूमि के अर्जन एवं अधिग्रहण के लिए कुल प्रतिकर लगभग 2727 करोड़ रुपए तथा भूमि अर्जन/पुनर्वासन और पुनर्व्यस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम-2013 के तहत आंकलित धनराशि 163 करोड़ 62 लाख 54 हजार 132 रुपए कुल धनराशि 28,90,71,56,332 (28 अरब, 90 करोड़, 71 लाख 56 हजार 332 रुपए) के व्यय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
निजी भूमि के अर्जन/अधिग्रहण की कुल लागत लगभग 2890 करोड़ रुपए में से राज्य के अंश के सापेक्ष 1084 करोड़ रुपए की धनराशि को जिलाधिकारी/कलेक्टर गौतमबुद्धनगर को अवमुक्त करने हेतु प्रशासकीय एवं वित्तीय अनुमोदन भी प्रदान किया गया है।
मंत्रिपरिषद ने नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के फेज-1/फेज-2 के लिए प्रस्तावित कुल 1363.4543 हेक्टेयर भूमि में से राजस्व अभिलेखों में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज 36.5459 हेक्टेयर भूमि को प्राधिकरण द्वारा नागरिक उड्डयन विभाग के नाम अन्तरित किए जाने तथा ‘श्री राज्यपाल द्वारा निदेशक, नागरिक उड्डयन, उत्तर प्रदेश, लखनऊ’ के नाम दर्ज किए जाने तथा इस अन्तरण पर स्टाम्प शुल्क एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क से छूट प्रदान किए जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।
मंत्रिपरिषद ने औद्योगिक विकास के शासनादेश 23 फरवरी, 2016 द्वारा तीन औद्योगिक विकास प्राधिकरणों-नोएडा/ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे के सन्दर्भ में भू-स्वामियों से आपसी समझौते के आधार पर भूमि क्रय करने के सम्बन्ध में प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है। अतः यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत राजस्व ग्राम कुरैब की 16.3920 हेक्टेयर भूमि, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 37.70 करोड़ रुपए है, को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा उक्त शासनादेश में विहित प्रक्रियानुसार सीधे नागरिक उड्डयन विभाग के नाम क्रय करने के लिए अधिकृत किए जाने तथा यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज 36.5495 हेक्टेयर भूमि, जिसकी लागत लगभग 84.06 करोड़ रुपए है अर्थात कुल धनराशि 121.76 करोड़ रुपए को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की एनआईएएल में अंशधारिता 12.50 प्रतिशत के सापेक्ष समायोजन के लिए अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
साथ ही, अर्जन/अधिग्रहण/क्रय के माध्यम से अन्तरण हेतु प्रस्तावित भूमि के मध्य पड़ने वाली शासकीय/ग्राम सभा की 124.8214 हेक्टेयर भूमि के यथाप्रक्रिया पुनर्ग्रहण एवं नागरिक उड्डयन विभाग के नाम निःशुल्क एवं समस्त व्यय भार मुक्त रूप से हस्तान्तरण पर अनुमोदन प्रदान किया गया है।
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) (बारहवां संशोधन) नियमावली, 2021 के प्रख्यापन का निर्णय लिया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली, 1994 में संशोधन करते हुए नियम-2 में उपनियम (घ) ‘पूर्ववर्ती निर्वाचन का तात्पर्य पंचायत सामान्य निर्वाचन, 2015 और पश्चातवर्ती सामान्य निर्वाचनों से है’, जोड़े जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रख्यापित की जाने वाली नियमावली आगामी सामान्य पंचायत निर्वाचनों में लागू की जाएगी। नियमावली के लागू होने से पंचायत सामान्य निर्वाचन के आरक्षण में सभी जनपदों में चक्रानुक्रम (रोटेशन) लागू किया जा सकेगा। सभी वर्गों को पंचायत सामान्य निर्वाचन में भागीदारी करने का अवसर प्राप्त होगा।
इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत केन्द्रीय विद्युत उत्पादकों, केन्द्रीय पारेषण उत्पादकों, आईपीपी एवं आरई जनरेटर की 30 जून, 2020 की देयता के निस्तारण के लिए , अतिरिक्त विशेष दीर्घकालीन ट्रांजिशनल ऋण की अधिकतम धनराशि 07 हजार करोड़ रुपए का ऋण आरईसी, पीएफसी एवं बैंकों से उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लि0 एवं सहयोगी विद्युत वितरण निगमों द्वारा प्राप्त किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लि0 एवं सहयोगी विद्युत वितरण निगमों द्वारा पीएफसी, आरईसी एवं बैंकों से लिए जाने वाले ऋण के आहरण के लिए राज्य सरकार द्वारा कुल ऋण के ब्याज एवं अन्य देयों सहित सम्पूर्ण भुगतान के लिए शासकीय गारण्टी उपलब्ध कराने तथा शासकीय गारण्टी पर उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लि0 एवं सहयोगी विद्युत वितरण निगमों की विषम वित्तीय परिस्थितियों को देखते हुए गारण्टी शुल्क माफ किए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है।
राज्य सरकार की ओर से आवश्यक वचनबद्धताएं, कार्ययोजना निर्गत करने तथा चतुर्पक्षीय अनुबन्ध हस्ताक्षरित करने के लिए मंत्रिपरिषद ने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग, शासन को अधिकृत किए जाने का निर्णय भी लिया गया है।
मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के दिशा-निर्देशों में संशोधन सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। गरीबी के दृष्टिकोण से सहरिया,कोल एवं थारू श्रेणी के पात्र लाभार्थियों को मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की पात्रता श्रेणी में सम्मिलित किया गया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के दिशा-निर्देशों में समय-समय पर आवश्यक संशोधन के लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किए जाने का निर्णय भी लिया गया।
गौरतलब है कि इस निर्णय के क्रियान्वयन से आवासविहीन या कच्चे जर्जर आवासों में निवास कर रहे सहरिया, कोल एवं थारू समुदाय के गरीब परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत पक्के आवास उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इन समुदायों को पक्के आवास उपलब्ध होने पर उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा।